Haribhoomi-Inh News: 'कर्ज' चुकाएंगे कांग्रेसी ?, प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम उस उदयपुर में हैं, जिसको आपने साहस के लिए, शौर्य के लिए, त्याग के लिए इतिहास के पन्नों में जगह मिली है। कांग्रेस यहां से वापस उदय करने की कोशिश करने में है। इसलिए यहां पर नव संकल्प चिंतन शिविर का आयोजन कांग्रेस ने देश भर से अपने नेताओं को बुलाकर किया है।

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम उस उदयपुर में हैं, जिसको आपने साहस के लिए, शौर्य के लिए, त्याग के लिए इतिहास के पन्नों में जगह मिली है। कांग्रेस यहां से वापस उदय करने की कोशिश करने में है। इसलिए यहां पर नव संकल्प चिंतन शिविर का आयोजन कांग्रेस ने देश भर से अपने नेताओं को बुलाकर किया है।

सोनिया गांधी तकरीबन साढ़े 3 साल के अंतराल के बाद पहली बार किसी ऐसे कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं और इस तीन दिवसीय शिविर में शामिल होने के लिए सोनिया गांधी आज उदय पुर पहुंची और शिविर का उद्घाटन किया। एक भावुक और ओजस्वी भाषण उन्होंने इस चिंतन शिविर उद्घाटन के दौरान दिया। कभी सोनिया गांधी को बहुत अच्छा वक्ता नहीं माना जाता था। अच्छा नेता जरूर माना गया। लेकिन आज उनके भाषण के दौरान कहीं ना कहीं एक इमानदारी थी, एक स्पष्ट वादिता थी, तथ्य थे और इसी का नतीजा था कि इसलिए बीच-बीच में तालियां बजती रहीं।

अंग्रेजी और हिंदी के भाषण के संदर्भ में जब उन्होंने भाषण खत्म किया, तो बाकायदा पूरे सदन में ताली बजाकर उनका अभिनंदन किया। सोनिया गांधी ने बहुत ही महत्वपूर्ण बातचीत कहीं, सबसे महत्वपूर्ण बात जो कहीं कि हमें बदलाव की जरूरत है और साथियों ने बड़ी उम्मीद की बात कही। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण कदमों से ही किया जा सकता है। साथ में उन्होंने कांग्रेसियों का आवाह्न करते हुए कहा कि पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया। अब समय आ गया है। उस कर्ज को चुकाने का। हम लोगों को अपनी निजी आकांक्षाओं को छोड़कर पार्टी के लिए यह करना जरूरी है। इस पर विचार करना चाहिए और बड़े कदम उठाने चाहिए। तमाम बातें भी उनके द्वारा इस संबोधन के दौरान कहीं गई।

कांग्रेस के नेता जब भी अपनी बात कहते हैं। केंद्र सरकार को भारतीय जनता पार्टी को और नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हैं। सोनिया गांधी में अब वो बात नहीं रही। उन्होंने बीच-बीच में केंद्र सरकार को घेरा और जमकर बोला। इस बात पर उन्होंने शोक जताया की यह नई सरकार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान को इरादतन कम करके जताने का प्रयास कर रही है। महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन कर रही है। कुल मिलाकर तमाम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमारे संदर्भ में एक गौरवशाली अतीत है। सुनहरा अतीत है। हमें इस शिविर के माध्यम से एक नया संकल्प लिया जा सके। क्या यह संभव है.... इसी पर हम बातचीत करने के लिए आज यहां पर है मौजूद... कई मेहमान हमारे साथ जुड़ रहे हैं....

'कर्ज' चुकाएंगे कांग्रेसी ?

'चर्चा'

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