Haribhoomi-Inh News: Farm Laws Repeal मास्टर स्ट्रोक या 'नुकसान' पर रोक ? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: Farm Laws Repeal मास्टर स्ट्रोक या नुकसान पर रोक ? चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, Farm Laws Repeal मास्टर स्ट्रोक या 'नुकसान' पर रोक ?

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, Farm Laws Repeal मास्टर स्ट्रोक या 'नुकसान' पर रोक ? ऐसे में पीएम मोदी ने अब तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर बीजेपी की वापसी के रास्ते से सिर्फ रोड़े ही नहीं हटाए बल्कि यूपी में विपक्षी दलों की रणनीति पर गहरी चोट की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के मौके पर कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया। देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने देशवासियों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया और कहा कि उनकी तपस्या में ही कुछ कमी रह गई होगी, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बीजपी की नजर किसानों के हितों पर नहीं, बल्कि वोटों पर है। इसीलिए चुनाव से ठीक पहले कानून वापस लेने का फैसला लिया प्रिंयका गांधी ने कहा की देश और प्रदेश के लोग जानते है ये चुनाव के कारण सरकार को कानून वापस लेना पड़ा है। अब चुनाव से पहले माफ़ी मांगी जा रही है।

राकेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा, 'आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा । सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।'

Farm Laws Repeal मास्टर स्ट्रोक या 'नुकसान' पर रोक ?

'चर्चा'

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का कहना है कि इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए 700-750 किसानों के परिवारों का क्या? उन्होंने अब उन कानूनों को वापस ले लिया है जो विधानसभा चुनाव करीब हैं। वे इस मोर्चे पर हार गए हैं और उन्हें वहां भी हार का सामना करना पड़ेगा। जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के किसान तीन कानूनों, किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, के विरोध में नवंबर 2020 से दिल्ली के बॉर्डरों पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच विचार-विमर्श विफल होने के कारण विरोध एक साल से अधिक समय से जारी था। लेकिन एक साल के मौके पर किसान मोर्चा संसद से शीतकालीन सत्र के दौरान संसद मार्च करने का ऐलान किया था और अभी भी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं किया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है।

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