Haribhoomi-Inh News: हिमाचल चुनाव टूटेगा बदलाव का मिथक?, चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हिमाचल चुनाव टूटेगा बदलाव का मिथक?, चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हमारी बातचीत के केंद्र में हिमाचल है।

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हमारी बातचीत के केंद्र में हिमाचल है। हिमाचल को लेकर चुनाव आयोग के द्वारा 2 दिन पहले ही कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई और 16 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश देश को बहुत लोग आते हैं और दुनिया को बहुत लुभाता है। एक ऐसा प्रदेश है जो अपनी विविधता के कारण देवभूमि भी कहा जाता है।

भूमि को अस्तित्व में आए 50 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। पिछले 37 साल का इतिहास विधानसभा के संदर्भ में इस राज्य का यह है कि किसी भी सरकार अपने आप को रिपीट नहीं किया है। अर्थात चाहें वह कांग्रेस पार्टी या भारतीय जनता पार्टी। किसी भी बड़े नेता को ले लीजिए, कोई भी लगातार अपने जनसमर्थन हो हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाया है। वर्तमान में हिमाचल के सीएम जयराम ठुकार हैं। बीजेपी की प्रचंड बहुमत की सरकार है। यहां जेपी नड्डा के लिए एक बड़ी चुनौती है। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए यहां विधानसभा चुनाव हो रहा है। अगर यहां पार्टी नहीं जीती तो क्या होगा।

समझने की कोशिश करेंगे कि क्या भाजपा अपने आप को सत्ता में बनाए रखने में कामयाब हो पाएगी। दूसरी तरफ वीरभद्र सिंह की गैर मौजूदगी में पहली बार कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। 19 अक्टूबर को पहला कांग्रेस अध्यक्ष मिल जाएगा और पहली बार विधानसभा के ये चुनाव उस अध्यक्ष की मौजूदगी में हार या जीत खाते में डाल पाएंगे। तीसरी है आम आदमी पार्टी इन चुनौतियों के बीच में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाएगा। ऐसे में इस कार्यक्रम में जुड़े लोगों के कई अहम सवालों के जवाब जानेंगे...

हिमाचल चुनाव टूटेगा बदलाव का मिथक?

'चर्चा'

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