Haribhoomi-Inh News: हिंदी 'शान' पर घमासान क्यों?, 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हिंदी शान पर घमासान क्यों?, चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, हिंदी 'शान' पर घमासान क्यों ? जिसका संदर्भ है... बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और कन्नड़ एक्टर किच्चा सुदीप के बीच ट्विटर पर छिड़ी जंग चर्चा में है, दोनों के बीच हुए विवाद का सेंटर पॉइंट 'हिंदी भाषा' है....

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, हिंदी 'शान' पर घमासान क्यों ? जिसका संदर्भ है... बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन और कन्नड़ एक्टर किच्चा सुदीप के बीच ट्विटर पर छिड़ी जंग चर्चा में है, दोनों के बीच हुए विवाद का सेंटर पॉइंट 'हिंदी भाषा' है....

दरअसल, साउथ इंडस्ट्री के हिट विलेन किच्चा सुदीप ने हिंदी भाषा को लेकर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है. साउथ सुपरस्टार के इस बयान पर बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन ने ट्विटर पर उन्हें जवाब दिया... इस तरह से दोनों एक्टर्स के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग शुरू हो गई. हालांकि, दोनों अभिनेता अपनी-अपनी बात रखकर शांत हो गए हैं, लेकिन 'हिंदी भाषा' को लेकर शुरू हुआ ये मुद्दा इस वक्त हॉट टॉपिक बन चुका है. फिलहाल आइये जानते हैं कि आखिर अजय देवगन और किच्चा सुदीप के बीच ऐसा क्यों हुआ।

किच्चा सुदीप और अजय देवगन के बीच विवाद

एक कार्यक्रम में पहुंचे कन्नड़ अभिनेता सुदीप ने कहा था कि आज बॉलीवुड अखिल भारतीय फिल्में बना रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं रही। बॉलीवुड अब तेलुगु और तमिल फिल्मों में डबिंग करके सफलता पाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। आज हम ऐसी फिल्में बना रहे हैं। जो हर जगह रिलीज हो रही हैं। अजय देवगन ने अपने ट्विटर पर सुदीप को टैग करते हुए लिखा कि किच्चा सुदीप, मेरे भाई अगर आपके हिसाब से हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है, तो आप अपनी मातृभाषा में बनी फिल्मों को हिंदी में डब करके रिलीज क्यों करते हैं। हिंदी हमारी मातृभाषा थी, राष्ट्रभाषा थी, है और रहेगी। जन गण मन....

हिंदी 'शान' पर घमासान क्यों?

'चर्चा'



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