Haribhoomi-Inh News: कट्टरता के वास्ते धर्म संसद के रास्ते? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: कट्टरता के वास्ते धर्म संसद के रास्ते? चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, कट्टरता के वास्ते धर्म संसद के रास्ते ? जिसका संदर्भ है...

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, कट्टरता के वास्ते धर्म संसद के रास्ते ? जिसका संदर्भ है..देश के अलग-अलग राज्यों में हिंदू 'धर्म संसद' का आयोजन किया जा रहा है और इसमें शामिल होने वाले साधु-संत अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में आते जा रहे।

वहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में भाषण देते हुए कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ एक अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया। बता दें कि कांग्रेस नेता और रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे की शिकायत के बाद कालीचरण के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

कट्टरता के वास्ते धर्म संसद के रास्ते?

'चर्चा'

जानें क्या हा पूरा मामला

रायपुर में आयोजित दो दिवसीय धर्म संसद के दौरान मुख्य संरक्षक राम सुंदर महाराज ने कथित तौर पर महात्मा गांधी को गाली दी थी। इस आयोजन में देश भर से धर्म के अनुयायी महामंडलेश्वर भाग लेने पहुंचे थे। दूधधारी मठ के मुख्य संरक्षक राम सुंदर महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देकर अचानक मंच से चले गए। उनका एक वीडियो कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया। समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कार्यक्रम से विदा हो गए।

शिव स्तोत्र के पाठ के लिए जाने जाने वाले कालीचरण महाराज ने मंच से नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की और राष्ट्रपति को अभद्र भाषा और अपशब्द कहीं। कालीचरण ने ओवैसी को लेकर अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि एक हिंदू कट्टरपंथी को अपना नेता बनाना सुनिश्चित करें। चाहे वह किसी भी पार्टी का हो। वहीं इससे पहले जूना अखाड़े के प्रबोधानंद ने हिंदुओं से अपने धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाने को कहा था। जबकि वहीं दूसरी तरफ भड़काऊ भाषण विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने सीजेआई एनवी रमना को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेने की अपील भी की है।

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