Haribhoomi-Inh News: नेहरू की भूल या सियासी तूल?, प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: नेहरू की भूल या सियासी तूल?, प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम बड़े ही संवेदनशील विषय पर बात कर रहे हैं।

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम बड़े ही संवेदनशील विषय पर बात कर रहे हैं। संवेदनशील इसलिए है क्योंकि पीछे पिछले 75 साल से अलग-अलग तरीके से बात होती रही है। और आज जो बातचीत हो रही है वह देश के कानून मंत्री किरण रिजिजू के द्वारा 3 दिन पहले जो मुद्दा उठाया गया।

उसके हवाले से हम बात करने जा रहे हैं। किरण रिजिजू ने 27 अक्टूबर को एक लेख के माध्यम से देश के पहले प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू को निशाने पर लिया। संदर्भ इसमें कश्मीर नीति थी। कश्मीर नीति के संदर्भ में देश की वर्तमान कानून मंत्री देश को यह बताने की कोशिश की कि पंडित जवाहर नेहरू की किन गलतियों के चलते देश को आज तक उसके परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। उन्होंने पांच गलतियों का उल्लेख किया और अपने लेख में उन्होंने ट्वीट किए।

ट्वीट और बयान के माध्यम से यह बताने की चेष्टा की कि नेहरू निजी एजेंडे के चलते देश हित के साथ समझौता कर गए। क्या यह सच है। इस पर आज बातचीत की जानी चाहिए। समझने की कोशिश करेंगे कि देश के कानून मंत्री क्या कह रहे हैं और उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों को हवाला दिया है। क्या वह समय की कसौटी पर और सत्य की कसौटी पर खरे उतरते हैं। पंडित नेहरू ने किसी निजी स्वार्थ के चलते कश्मीर के मुद्दे पर गलती की। उस समय के जो हालात थे। उसके चलते नेहरू ने जो किया क्या वह सही था। देश का एक वर्ग मानता है कि अगर आज कश्मीर पूरे भारत का एक हिस्सा नहीं है तो उसके लिए जिम्मेदार सिर्फ देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू है।

नेहरू की भूल या सियासी तूल?

'चर्चा'

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