Haribhoomi-Inh News: हिंसा 'भागवत' राह, चिंतित नौकरशाह !, 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हिंसा भागवत राह, चिंतित नौकरशाह !, चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज का हमारा विषय है हिंसा 'भागवत' राह, चिंतित नौकरशाह !

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज का हमारा विषय है हिंसा 'भागवत' राह, चिंतित नौकरशाह ! भागवत राह से आप चिंतित मत होइए, हम भागवत राह के अंतर्गत किसी श्रीमद् भागवत या पुराण के अंतर्गत जो दिशा बताई गई है। उस पर बात करने नहीं जा रहे हैं।

हम बात करने जा रहे हैं। आज राष्ट्रीय स्वंय सेवकसंघ के प्रमुख मोहन भागवत जी के द्वारा अमरावती में एक आयोजन के दौरान जो कुछ कहा गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा से कोई समाज लाभान्वित नहीं हो सकता। हिंसा से प्यार करने वाला समाज इस समय अपने आखिरी दिन गिन रहा है। मोहन भागवत ने कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होता। हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को एक साथ लाना और मानवता की रक्षा करना आवश्यक है। हम सब करते हैं यह काम है।

इस बयान से समझ में आ रहा है कि किसे हिंसा पसंद है और अपने आखिरी दौर से गुजर रहा है। तो आज हम इन दोनों विषयों पर मिला जुलाकर बात करेंगे। समझने की कोशिश करेंगे कि क्या वाकई देश के हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि जिसमें दिल्ली के पूर्व राज्यपाल नजीब जंग देश के पूर्व गृह मंत्री पिल्लई साहब, देश की पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, कई वर्षों तक मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव जैसे तमाम लोगों ने मिलकर पत्र प्रधानमंत्री जी को लिखा है। क्या वाकई देश में आग लगी हुई है। जिसके चलते नौकरशाहों को मजबूर होना पड़ा, इस कार्यक्रम पर चर्चा के लिए कई मेहमान हमारे साथ जुड़े हुए हैं.....

हिंसा 'भागवत' राह, चिंतित नौकरशाह !

'चर्चा'



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