Haribhoomi-Inh News: 'कट्टरता' पर खामोशी 'तनाव' की दोषी, चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज का हमारा विषय है 'कट्टरता' पर खामोशी 'तनाव' की दोषी। संदर्भ यह है कि पिछले 1 सप्ताह से देश में कई जगहों पर
घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं, जिन पर सही तरह से बातचीत करने की जरूरत हम महसूस करते हैं। हमें सारे आयामों पर विचार करने की जरूरत है। ताजा तरीन मामला यह है कि नूपुर शर्मा जो कि भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता हैं। वह अदालत से राहत पाने की उम्मीद के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने राहत तो नहीं दी पर कुछ ऐसे तल्ख टिप्पणियां की, जो दिनभर मीडिया में सुर्खियां बनी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट को नूपुर शर्मा से बहुत नाराजगी है और नाराजगी इसको लेकर है कि उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान इस तरह का बयान क्यों दिया। उनका मानना है कि आप एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए इस तरह का आचरण कैसे कर सकती हैं। उनका यह भी मानना है कि आप अपने आप को वकील कहती हैं और इस प्रकार आप राहत पाने के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट आ जाती हैं। आपके दिमाग में सत्ता का नशा है इसलिए आप निचली अदालतों को कुछ समझती ही नहीं हैं। सीधा सुप्रीम कोर्ट क्यों आना चाहते हैं। ऐसे कौन से पद पर आप हैं, जिसके कारण से आपको लगता है कि सर्वोच्च न्यायालय को आपको सीधी यहीं से राहत देनी चाहिए।
इसके अलावा भी नूपुर शर्मा के लिए प्रक्रिया की गई, यहां तक कि आप के कारण ही उदयपुर की घटना सामने आई है। देश का माहौल खराब किया है। वकील ने बताया कि उन्होंने माफी मांगी थी अपने बयान पर। नूपुर शर्मा ने कहा था कि अगर किसी की भावनाएं आह्त हुई हों तो मैं आपसे माफी चाहती हूं कोई बात नहीं आप टीवी पर जाइए और बिना शर्त माफी मांगें। कुल मिलाकर एक पक्षी है कि एक बार यह कह रहा है कि देखिए भारतीय जनता पार्टी का चेहरा, उदयपुर में जो कुछ भी हुआ उसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं शर्मा है।
लेकिन दूसरा वर्ग भी कह रहा है कि इस देश को आखिर आप कहां लेकर जाना चाहते हैं। दोहरी मानसिकता के साथ-साथ आचरण करते हैं या किसी मुसलमान के संदर्भ में विषय होता है तो हिंदू की भाषा उनका तेवर उनकी भाषा अलग होती है और जब हिंदुओं के संदर्भ में कोई बात कही जाती है तो इनके मुंह में दही जम जाता है। उदयपुर की घटना पर विपक्ष के द्वारा की गई टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर निशाना साधा गया। पहले कभी भी कोई घटना हिंदू के संदर्भ में घटित हुई है। तो किस तरह से ट्वीट इन नेताओं के होते थे। लेकिन अब हाजियों के द्वारा एक मासूम कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई तो उस के संदर्भ में ट्वीट की भाषा के संदर्भ में आई है। वह भाषा के बीच में जो भेद है। उसके आधार पर बताना चाहते हैं कि ये लोग देश की सियासत किस ओर जा रहे हैं। आज हम इसी कार्यक्रम में इन सवालों के जवाब जानना चाहेंगे, कई मेहमान हमारे साथ इस कार्यक्रम में जुड़े हुए हैं...
कट्टरता' पर खामोशी 'तनाव' की दोषी
'चर्चा'
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