Haribhoomi-Inh News: PM का वार, निशाने पर 'परिवार'! 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: PM का वार, निशाने पर परिवार! चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, पीएम का वार, निशाने पर 'परिवार'!

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, पीएम का वार, निशाने पर 'परिवार'! जिसका संदर्भ है… आज 26 नवंबर 2021 के दिन भारत को संविधान अपनाए हुए 72 साल पूरे हो चुके हैं। आज के ही दिन साल 1949 में डॉ. भीम राव आंबेडकर ने देश को संविधान सौपा था, जिसे 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू कर दिया गया। जिसके चलते देश में 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आज संसद भवन में विशेष कार्यक्रम ओयाजन किया गया। जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी समेत तमाम गणमान्य् लोग मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने संविधान के निर्माताओं को प्रणाम किया। साथ ही परिवारवाद की राजनीति पर तंज कसते हुए देश में लोकतंत्र को खतरा बताया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसे संकट के तरफ बढ़ रहा है, जो संविधान के प्रति समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है। लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है। पीएम मोदी ने योग्यता के आधार पर परिवार के एक से अधिक लोगों के पार्टी में शामिल होने पर सहमति जताई। लेकिन एक ही पार्टी में पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में शामिल हो रहे लोगों को परिवारवाद की राजनीति से प्रेरित कहा।

संविधान दिवस : PM का वार, निशाने पर 'परिवार'!

'चर्चा'

राष्ट्रपति ने क्या कहा संविधान दिवस के मौके पर

संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिना किसी का नाम लिए विपक्ष को बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कई ट्वीट करके लोगों को संविधान दिवस के महत्व के बारे में बताया है, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया है कि मतभेद कभी भी जनसेवा में बाधा नहीं बनने चाहिए। विपक्ष का नाम लिए बिना कहा कि विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कोई भी अंतर इतना बड़ा नहीं होना चाहिए, जिससे जनता की सेवा के उद्देश्य में रूकावत आए। सत्ता पक्ष के सदस्यों और विपक्ष के लिए प्रतिस्पर्धा होना स्वाभाविक है। रामनाथ कोविंद ने इस बात पर भी जोर दिया कि संसद में सभी का आचरण हमेशा सही होना चाहिए। हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है। लोकसभा स्पीकर ने भी विपक्ष के द्वारा कार्यक्रम में शामिल न होने पर ऐतराज जताया।

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