Haribhoomi-Inh News: सियासत का प्रयोग या 'छापों' का संयोग ? और हेकड़, हरक के आंसू ! 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, दो कार्यक्रमों पर बातचीत की। एक पंजाब में ईडी का छापा और उत्तराखंड के नेता हरक सिंह रावत पर चर्चा की सियासत का प्रयोग या 'छापों' का संयोग ? जिसका संदर्भ है... एक तरफ कोरोना बढ़ रहा है, तो दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव 2022 की राजनीति गर्मा रही है। इनकम टैक्स के छापों को लेकर आज एजेंसी की ओर से जिन लोगों पर छापेमारी की गई है, उनमें से एक राज्य के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी पर बड़ी कार्रवाई की है।
ईडी ने अवैध बालू खनन के मामले में 10 अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की। अवैध बालू खनन को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर भी सवाल खड़े हो रहें हैं। पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू कई बार राज्य में बालू का अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के कई मंत्री और विधायकों की अवैध बालू खनन में हिस्सेदारी है और पार्टी के अंदर हाथ बंधे होने के चलते वह इन लोगों पर कार्रवाई नहीं कर पाए। अब सवाल है कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ईडी की कार्रवाई से पंजाब की सियासत में नया मोड़ ला दिया है 'क्या' विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को वोटिंग होगी या नहीं। हम इस खास कार्यक्रम में चर्चा करेंगे.... कई मेहमान इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े हुए हैं....
सियासत का प्रयोग या 'छापों' का संयोग ?
'चर्चा'
वहीं कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में हेकड़, हरक के आंसू ! जिसका संदर्भ है.... पार्टी से निकाले जाने के बाद जब एबीपी गंगा ने हरक सिंह रावत से बात की तो वो इमोशनल हो गए। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने मुझसे कहा था कि अंतिम समय तक दोस्ती रहेगी मुझे इस बात पर फख्र है कि मैंने अमित शाह से दोस्ती निभाते हुए पार्टी नही छोड़ी बल्कि उन्होंने मुझे निकाला। टिकट की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी से ये कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं। मेरी बहू अनुकृति को चुनाव लड़वा दें। उस समय प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे।
हरक सिंह रावत ने कहा कि मुझ से बिना बात किए इतना बड़ा निर्णय ले लिया, मुझे लगता है कि 'विनाश काले विपरीत बुद्धि' मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अगर नहीं आया होता, तो मैं बीजेपी को 4 साल पहले ही छोड़ देता। मुझे कोई मंत्री पद का शौक नहीं है, मैं सिर्फ काम करना चाहता था। अब सवाल है क्या हरक सिंह रावत के आंसू उत्तराखंड की राजनीति में बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं, या हमेशा इस प्रकार से भावुक होते रहे हैं... देखिए
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