Haribhoomi-Inh News: राज्यसभा चुनाव, निर्दलीय से 'तनाव' और 'आप' पर 'दाग' कसौटी पर साख!, प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, राज्यसभा चुनाव, निर्दलीय से 'तनाव' ! और 'आप' पर 'दाग' कसौटी पर साख ! दो विषयों पर चर्चा कर रहे हैं। पहली हमारी बातचीत राज्यसभा के संदर्भ में निर्वाचन को लेकर और दूसरी तरफ बातचीत आम आदमी पार्टी सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के संदर्भ में है।
पहला विषय जो है कुल मिलाकर निर्दलीय निर्दलीय उम्मीदवारों की मौजूदगी को लेकर है। दो महत्वपूर्ण राज्य हैं हरियाणा और राजस्थान। जहां पर दोनों पार्टियां अर्थात भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी दोनों हैं। दोनों सीटों पर एक एक उम्मीदवार की घोषणा की गई। उम्मीद थी कि निर्विरोध निर्वाचन होगा। लेकिन राजस्थान के संदर्भ में भी कहानी कमोवेश कुल मिलाकर 4 सीटें खाली हुई, 4 सीटों पर 4 प्रत्याशी तीन कांग्रेस से एक भाजपा से। लेकिन अचानक आज दो मीडिया समूह अपने अपने पर्चे दाखिल कर दिए। सुभाष चंद्रा ने हरियाणा से राज्यसभा पहुंचे थे। इस बार राजस्थान के माध्यम से सदन में पहुंचने की कोशिश में हैं। भारतीय जनता पार्टी पिछली बार भी अपना समर्थन दिया था और इस बार भी दे रही है। हरियाणा में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कार्तिकेय शर्मा ने मीडिया समूह जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपना पर्चा दाखिल किया है इसी पर आज हम चर्चा कर रहे हैं...
राज्यसभा चुनाव, निर्दलीय से 'तनाव' !
'चर्चा'
वहीं दूसरी तरफ हम चर्चा के तहत हम 'आप' पर 'दाग' कसौटी पर साख ! संदर्भ यह है कि आम आदमी पार्टी 2012 में अस्तित्व में आई। अरविंद केजरीवाल जनमानस के तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अन्ना आंदोलन के माध्यम से आम आदमी पार्टी गठन हुआ, तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी नए मापदंड स्थापित करेगी। वह सब कुछ कर के दिखाएगी। जिसका सपने जो देशवासी देख रहे हैं। इस पार्टी पर कम से कम दिल्ली की जनता ने तो भरोसा किया। पहले ही चुनाव में दो बार विश्वास किया और उस समय में पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई। दूसरी बार चुनाव हुए तो तकरीबन 62 से 63 सीटों के साथ सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही।
लेकिन इन सबके बीच में समय-समय पर शासन में बदलाव होता रहा। दिल्ली सरकार में वैसे ही कुछ गिने-चुने मंत्री हैं और कुल मिलाकर पिछले 8 साल के सफर में चार मंत्री विभिन्न कारणों से बर्खास्त हुए हैं और जेल की सजा काट रहे हैं... ताजा नाम सत्येंद्र जैन का है। दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री की हैसियत से अभी भी उनके संदर्भ में आरोप है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शामिल रहे हैं। मामला 8 साल पुराना है। देश का प्रावधान है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी 24 घंटे जेल की हवा खाता है या जेल जाता है तो उसे स्वयं निलंबित माना जाता है। वहीं मंत्री के तौर पर बैठे लोग महीनों तक जेल के अंदर बिता लेते हैं और इसके बाद उनका पद नहीं जाता है। चाहे वह नवाब मलिक के संदर्भ में हो, चाहे वह सत्येंद्र जैन के संदर्भ में हो। ऐसे में आखिर आम आदमी पार्टी अपना क्या संदेश जनता को देना चाहती है।
'आप' पर 'दाग' कसौटी पर साख !
'चर्चा'
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