Haribhoomi-Inh News: हुकूमत तालिबानी, पर्दे में 'मर्दानी' चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हम उस विषय पर चर्चा करेंगे, जो पूरी दुनिया के बीच में चिंता का सबब बना हुआ है। अफगानिस्तान में तालिबानी की हुकूमत हकिकत बनकर आज सामने आ चुकी है। जब तालिबानी अफगानिस्तान में पूरी तरफ से स्थापित हो चुके हैं। तो दो मुद्दे दुनिया के सामने आ चुके हैं। एक तालिबान के आने से दुनिया में आतंकी घटनाएं तो नहीं बढ़ जाएंगी।
दूसरा अफगानिस्तान में रह रहीं महिलाओं का अब क्या होगा। हम अफगानिस्तान में तालिबान के बारे में कई बार बाते कर चुके हैं। लेकिन आज का हमारा विषय अफगान में रह रहीं महिलाओं की स्थिति को लेकर है। इसलिए आज का हमारा विषय है हुकूमत तालिबानी, पर्दे में 'मर्दानी', संदर्भ इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि अफगान में तालिबान ने सरकार के गठन का ऐलान कर दिया है। सरकार गठन के साथ 33 लोग सरकार का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इस लिस्ट में वह नामचिन लोग शामिल हैं, जो दुनिया में आतंकियों की लिस्ट में शामिल हैं। लेकिन इस बीच एक सबसे अहम बात है कि इस लिस्ट में किसी भी महिला का नाम नहीं है या किसी महिला को शामिल नहीं किया गया है।
तालिबान प्रवक्ता सैयद जकरुल्ला हाशिमी ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि महिलाएं मंत्री नहीं हो सकती हैं, उन्हें बच्चों को जन्म देना चाहिए। नई अफगान सरकार में महिलाओं को शामिल नहीं करने पर तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकरुल्ला हाशिमी द्वारा की गई टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर काफी साझा किया गया। इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए कई मेहमान हमारे साथ जुड़े हुए हैं....
इस दौरान कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा अंसारी, मुस्लिम एक्टिविस्ट असगर खान, मुस्लिम धर्मगुरु मौं. फखरुद्दीन अशरफ, वरिष्ठ पत्रकार नाज़ असगर से बातचीत की।
हुकूमत तालिबानी, पर्दे में 'मर्दानी'
'चर्चा'
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