Haribhoomi-Inh News: 'न्याय' पर मौन, दोषी कौन ?, 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: न्याय पर मौन, दोषी कौन ?, चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हम उस विषय पर चर्चा करेंगे। जिस पर देश में बीते 2 सप्ताह से जबर्दस्त चर्चा है। चर्चा है द कश्मीर फाइल्स के संदर्भ में। एक फिल्म जो निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के द्वारा तैयार की गई है। विवेक अग्निहोत्री ने कई और भी फिल्में बनाई हैं। ताशकंद फिल्म, अभी फिल्म द कश्मीर फाइल्स बनाई है।

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हम उस विषय पर चर्चा करेंगे। जिस पर देश में बीते 2 सप्ताह से जबर्दस्त चर्चा है। चर्चा है द कश्मीर फाइल्स के संदर्भ में। एक फिल्म जो निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के द्वारा तैयार की गई है। विवेक अग्निहोत्री ने कई और भी फिल्में बनाई हैं। ताशकंद फिल्म, अभी फिल्म द कश्मीर फाइल्स बनाई है।

अचानक फिल्म चर्चा में तब आई, जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की और कहा कि इस फिल्म को ज्यादा से ज्यादा लोगों को देखना चाहिए और सच्चाई को देखना चाहिए। लोग फिल्म देखने के लिए दौड़ पड़े हैं। सिनेमाघर के तमाम शो हाउस फुल जा रहे हैं। सिनेमा घरों में जो भीड़ है वह अपनी तरफ है और जो दूसरी तरफ है वह सियासत की आग है। इस फिल्म को अपने अपने चश्मे से बयां करने की कोशिश हो रही है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी और उस पर विश्वास करने वाले लोग हैं। जो बोलते हैं कि आखिर 30 साल बाद जम्मू कश्मीर के दर्द को ईमानदारी से देश के सम्मुख पेश किया है। देश को सच जानना चाहिए।

इस फिल्म के माध्यम से बोलने का मिला है। साथ ही इसके लिए जिम्मेदार कौन है। इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदारी है, उस समय की वहां की क्षेत्रीय पार्टियां जिम्मेदार हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दल हैं। जिन्होंने सवाल उठाने तो शुरू कर दिए। लेकिन इन सब के बीच में ऐसे में कई सवाल हैं, जिन्हें देश जानना चाहता हैं कि आखिर इन कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कैसे हो सकेगा। इनको वहां बसाने के लिए पहल कौन करेगा।

जानने में दिलचस्पी इस बात को है कि इतने बड़े पैमाने पर जो हिंसा हुई तो इसके आरोपियों को सजा देने के मामले में कोई प्रगति इतने सालों में हो पाई। क्या बीते 32 सालों में किसी राजनीतिक दल ने यह कोशिश की कि हम इन कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने में कामयाब हो पाए। इसी पर हम आज बात कर रहे हैं, कई मेहमान हमारे साथ जुड़े हुए हैं....

'न्याय' पर मौन, दोषी कौन ?

'चर्चा'

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