Haribhoomi-Inh News: 2024 का 'मजमून' एक देश-एक कानून ?, 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम एक बहुत ही संजीदा मामले पर चर्चा करेंगे। विषय संजीदा है, बहुत पुराना है। लेकिन बात करने की जरूरत आज महसूस एक बार फिर हो रही है। विषय के पुराने होने के संदर्भ में बात करें, तो यह विषय 75 साल पुराना है। जब इस देश को आजादी मिली।
आजादी के बाद देश का संविधान बना और उस प्रक्रिया के तहत कुछ मुद्दों पर सैद्धांतिक सहमति होते हुए भी और व्यवहारिक तौर पर कुछ दिक्कतों को महसूस किया गया और यह संकल्प जाहिर किया गया कि आने वाले समय में हर किसी को भारतीय संविधान के मुताबिक, इन तमाम प्रावधानों को नीति निर्देशक तत्व के संदर्भ में शामिल किया गया। 39 से लेकर 51 तक या फिर 36 से लेकर 51 तक यह नीति निर्देशक तत्व है। जिसे कहा गया समान नागरिकता संहिता।
समान नागरिक संहिता पर आज हम चर्चा कर रहे हैं। हमारा विषय 2024 का 'मजमून' एक देश-एक कानून? संदर्भ यह है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह व्यक्तित्व के चलते काफी प्रभावित हुई है। माना जाता है कि जो वह कहते हैं उसे कर गुजरते हैं। उन्होंने अभी हाल ही में एक चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा था हम समान नागरिक संहिता कानून को लाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन उससे भी ज्यादा महत्व यह हो जाता है कि तीन-चार दिन पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल आए, तो अपने पार्टी के नेताओं के बीच बैठक की और इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि हम अपनी विचारधारा के तहत आगे बढ़ रहे हैं।
वह चाहे धारा 370 के संदर्भ में हो, राम मंदिर के संदर्भ में हो, सीएए के संदर्भ में हो, तो सब पर ही हमने ठोस कदम उठाए हैं और अब हम समान नागरिक संहिता के संदर्भ में आगे बढ़ रहे हैं। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है। अभी हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने यह दावा किया कि हम अपने राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने जा रहे हैं और उसके बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लाने की तैयारी में है। आज हम इसी पर बातचीत करेंगे। समझने की कोशिश करें कि आज 75 साल में संभव नहीं होता। सविधान बने हुए तकरीबन 72 साल हो चुके हैं, तो क्या अब हालात ऐसे बन रहे हैं कि 2024 के आम चुनाव से पहले यह संभव हो पाएगा। तो आखिर इतना इंतजार क्यों करवाया गया या फिर से दोबारा इस देश में एक माहौल बनाया गया है। इसी विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं....
Uniform Civil Code
2024 का 'मजमून' एक देश-एक कानून?
'चर्चा'
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