Haribhoomi-Inh News: यूपी में 'टिपिकल' क्या है? और चन्नी के सहारे 'गुरू' हुए किनारे! 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: यूपी में टिपिकल क्या है? और चन्नी के सहारे गुरू हुए किनारे! चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत हम वापस लौट रहे हैं पांच राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर। 2 राज्यों के संदर्भ में इस कार्यक्रम में हम चर्चा करेंगे।

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत हम वापस लौट रहे हैं पांच राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर। 2 राज्यों के संदर्भ में इस कार्यक्रम में हम चर्चा करेंगे। बारी बारी से पहले चरण में हमारी बातचीत देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश संदर्भ में कर रहे हैं और दूसरे चरण में हम बातचीत कर रहे हैं पंजाब को लेकर।

उत्तर प्रदेश के संदर्भ में आज का हमारा विषय है। यूपी में टिपिकल क्या है। संदर्भ यह है कि कल देश की सम्मानित वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट प्रस्तुत किया। बजट के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब उनसे राहुल गांधी की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल किया गया। तो उन्होंने यूपी टिपिकल का मामला है। तो जानने में हमारी दिलचस्पी यह है कि आखिर टिपिकल यूपी वाला मामला क्या है। उत्तर प्रदेश के संदर्भ में निर्मला सीतारमण का बयान निश्चित रूप से क्या कहता है...

यूपी में 'टिपिकल' क्या है?

'चर्चा'

दूसरे चरण में हम बात कर रहे हैं चन्नी के सहारे 'गुरू' हुए किनारे ! संदर्भ यह है कि पंजाब में जो विधानसभा चुनाव हो रहा है। वह बहुदलीय संघर्ष का मैदान तो है ही साथ ही साथ अंदर ही अंदर दलिए मैदान भी बना हुआ है तथा मैदान में कई राजनीतिक दल हैं। पंजाब के अंदर अकाली दल है, भाजपा है, कांग्रेस है, आम आदमी पार्टी है, कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी है, शिरोमणि अकाली दल के कई गुट वहां पर हैं। किसान मोर्चा भी वहां मौजूद है और इन्हीं बीच में है कांग्रेस की पार्टी।

जिसका नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। वह भी अंदर ही अंदर आपस में लड़ने के लिए प्रयाप्त है। सुनील जाखड़, नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बीच जंग किसी से छुपी हुई नहीं है। चन्नी और सिद्धू लगातार यह मांग कर रहे हैं कि पार्टी को इस विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित कर देना चाहिए। तो ऐसे में समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर इस बार देखने से पता चलता है कि कांग्रेस ने पसंद के तौर पर चन्नी को सीएम फेस बनाया तो वहीं दूसरी तरफ सिद्धू देखते रह गए। चन्नी अपने भाई को टिकट नहीं दिला पाए, चन्नी एक दलित नेता हैं और तमाम इन अटकलों के बीच आखिर समझने की कोशिश करेंगे इसके राजनीतिक मायने क्या है....

चन्नी के सहारे 'गुरू' हुए किनारे!

'चर्चा'

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