Haribhoomi-Inh News: सियासी 'आस', दांव पर इतिहास ? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: सियासी आस, दांव पर इतिहास ? चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
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Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हमारा विषय है सियासी 'आस', दांव पर इतिहास ?

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हमारा विषय है सियासी 'आस', दांव पर इतिहास ? संदर्भ यह है कि एक बार फिर देश में चुनावी माहौल। देश का सबसे बड़ा राज्य जिसे हम उत्तर प्रदेश के तौर पर जानते हैं। वहां पर चुनाव होने वाले हैं।

उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा जैसे राज्यों में भी विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं और एक बार फिर से नए सिरे से पुराने जिन्न सामने निकल रहे हैं। एक बार फिर विवाद का विषय है। एक बार फिर बीजेपी शिकायत रही है इस देश की पीढ़ी को सही इतिहास बताया जाना चाहिए। जान पूछ कर यह षडयंत्र पूर्वक गैर इरादतन नहीं बल्कि इरादतन तरीके से तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके वास्तविक राष्ट्र, उनके योगदान के बारे में वंचित रखा गया। तमाम मुद्दों पर तो इसका असर बनता ही है, लेकिन मुसलमानों के द्वारा इस देश में लंबे समय तक शासन किया गया। उसकी अभिव्यक्ति को लेकर ताजा तरीन विवाद दो संदर्भों में है।

एक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरी सभा में यह कहा इस देश में कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक को महान ने नहीं बताया। क्या जिस चंद्रगुप्त के हाथों सिकंदर हारा गया था। उस सिकंदर को महान के तौर पर पढ़ाया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा और वहीं इसके दूसरी तरफ मुगलों की महिमा मंडल किया गया है। मुगलों के संदर्भ में यह महिमा मंडन कहीं भी उचित नहीं है। अकबर को महान बताया गया।

इस दौरान महाराणा प्रताप का भी उल्लेख किया गया। जो सच इतिहास में युवा पीढ़ी को नहीं बताया गया है। उसके बारे में जानकारी दी जाए और आज हम इसी संदर्भ में बात करने की कोशिश करेंगे कि क्या अपनी सियासी लाभ हानि के बीच इतिहास का नए सिरे से लिखना जरूरी है, क्या वाकई इन आरोपों में कहीं ना कहीं कोई सच्चाई है या तथ्य कुछ और थे। बताया कुछ और इसलिए जरूरी है कि आने वाली पीढ़ी को सही तथ्यों के बारे में जानकारी दी जाए। इस चर्चा में जुड़ने के लिए हमारे साथ चार मेहमान हैं जिनसे इस मुद्दे पर कुछ ईमानदार कोशिश इस कार्यक्रम में करेंगे.....

सियासी 'आस', दांव पर इतिहास ?

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