Haribhoomi-Inh News: 'येदि' की विदाई, भाजपा की भलाई ? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ, टोक्यो ओलंपिक पर भी की बात

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कर्नाटक के सीएम के इस्तीफे को लेकर बातचीत की। 'येदि' की विदाई, भाजपा की भलाई ?… दरसल बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यममंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल थावरचंद गहलौत को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया। उसके बाद येदियुरप्पा ने बताया कि उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया गया है। जहां एक ओर आज उनके कार्यकाल को दो वर्ष पूरे हुए और जश्न का माहौल था, वही दूसरी ओर वहीं माहौल बिदाई में तब्दील हो गया। भारतीय राजनीती में आज तक ऐसा दृश्य देखने को नहीं मिला।
फिर भी उन्होंने कहा कि उन पर इस्तीफ़ा देने का कोई दबाव नहीं था। साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया कि उन्होंने उन्हें राज्य की सेवा करने का मौक़ा दिया। लेकिन पिछले दिनों ही दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद उन्होंने कहा था, कि केंद्रीय नेतृत्व से किए वादे के मुताबिक़ दो साल बाद होने वाले चुनाव में पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए वे काम शुरू करेंगे।
कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बीजेपी वरिष्ठ नेता प्रेमप्रकाश पांडेय, कर्नाटक वरिष्ठ पत्रकार राजीव मिश्रा, एआईसीसी राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल, राजनैतिक विश्लेषक निशांत वर्मा और वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग से खास चर्चा की। खास कार्यक्रम के दौरान इन मेहमानों से कई सवाल पूछे...
'येदि' की विदाई, भाजपा की भलाई ?
'चर्चा'
पिछले हफ्ते बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात करने वाले धर्मगुरुओं में से एक ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक इकाई उनके इस्तीफे से आंसुओं में बह जाएगी और आज सोमवार को आखिरकार सियासी अटकलों के बीच बीएस येदियुरप्पा ने अपने पद से खुद इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात की। जिन्होंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
78 साल के येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद दिया और इस बात से इनकार किया कि वह किसी तरह के दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद इस्तीफा दिया है। येदियुरप्पा ने मीडिाय से कहा कि मेरे ऊपर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कोई दबाव नहीं था। मैं स्वेच्छा से अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं। जैसे ही उनके बाहर निकलने की अटकलों ने जोर पकड़ा तो बेंगलुरु में विभिन्न मठों के प्रमुखों ने पिछले मंगलवार को येदियुरप्पा से मुलाकात की थी। जानकारी के लिए बता दें कि लिंगायत समुदाय का काफी दबदबा है। ऐसे में जल्द ही अब नए सीएम का ऐलान हो जाएगा।
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