Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय का निधन, लंबे समय से थे बीमार

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय का निधन, लंबे समय से थे बीमार
X
Petitioner In Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में मस्जिद के खिलाफ प्रमुख याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय का रविवार की सुबह लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया।

Petitioner In Gyanvapi Case: वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के खिलाफ प्रमुख याचिकाकर्ता हरिहर पांडे का रविवार सुबह लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया है। हरिहर पांडेय करीब 70 साल के थे, वो पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। वाराणसी के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में उनकी किडनी का इलाज चल रहा था। उनके करीबियों ने बताया कि उनका डायलिसिस हुआ था, जिसके बाद कल उनको घर लाया गया था।

हरिहर पांडेय की आधी रात के बाद फिर हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन की सूचना पर तमाम शुभचिंतक अस्पताल और उनके घर पर पहुंचे। उनके पुत्र प्रणय पांडेय ने बताया कि अंतिम यात्रा एक बजे औरंगाबाद निवास स्थान से मणिकर्णिका के लिए प्रस्थान करेंगी, अंतिम संस्कार मर्णिकर्णिका घाट पर ही किया जाएगा।

32 साल पहले दाखिल किया था केस

साल 1991 में काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरोहितों के वंशज पंडित सोमनाथ व्यास, संस्कृत प्रोफेसर डॉ. रामरंग शर्मा और सामाजिक कार्यकर्ता हरिहर पांडे ने वाराणसी सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में तर्क दिया गया कि काशी विश्वनाथ का जो मूल मंदिर था, उसका निर्माण 2050 साल पहले राजा विक्रमादित्य ने करवाया था। याचिका में कहा गया कि 1669 में औरंगजेब ने इसे तोड़ दिया और इसकी जगह पर मस्जिद का निर्माण करवा दिया था।

याचिका में मंदिर की जमीन हिंदू समुदाय को वापस करने की मांग की गई थी। केस दायर होने के कुछ साल बाद पंडित सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा का निधन हो गया। हरिहर पांडे ही इस मामले के इकलौते पक्षकार बचे हैं। वह तकरीबन 32 सालों से इस केस को लड़ रहे थे। साथ ही, वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह उनका निधन हो गया है।

Tags

Next Story