कवि कुमार विश्वास को राहत दी जाए या नहीं! पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) के खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले को लेकर एक याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में दाखिल की गई, इस मामले पर बुधवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। विश्वास ने अपने खिलाफ दाखिल की गई याचिका को रद्द करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुमार विश्वास पर दर्ज एफआईआर रद्द की जाए या नहीं, इसको लेकर 2 मई को फैसला आएगा। फिलहाल, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मामला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई से पहले कुमार ने कहा कि मेरे ऊपर दर्ज किया गया मामला राजनीति से प्रेरित है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के खिलाफ भड़काऊ बयानों के चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
कुमार विश्वास ने अपने वकील मयंक अग्रवाल और हिमांशु गुप्ता के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कहा कि जिस तरह से जांच एजेंसी आगे बढ़ रही हैं। उससे स्पष्ट है कि वह ऐसी प्रक्रिया अपनाकर याचिकाकर्ता की स्वतंत्रता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। प्राथमिकी दर्ज करना पूरी तरह से अवैध, मनमाना और अनुचित है।
बीते मंगलवार को कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में कहा है कि राजनीतिक मकसद और बदले की भावना से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अर्जी में कहा गया है कि प्राथमिकी और अन्य कार्रवाई के जरिए याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का हनन करने का प्रयास किया गया है। उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला किया गया है। जांच एजेंसी जिस तरह से काम कर रही है वह अवैध है। कुमार विश्वास पर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने और इंटरव्यू में आपत्तिजनक बातें करने का आरोप लगा था।
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