हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में प्रचार पर 280 करोड़ खर्च, भाजपा ने कांग्रेस से चार गुना अधिक पैसा खर्च किया

हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में प्रचार पर 280 करोड़ खर्च, भाजपा ने कांग्रेस से चार गुना अधिक पैसा खर्च किया
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हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार संबंधी खर्च की जानकारी दी है। विधानसभा चुनाव 2014 में किए गए खर्च का इसमें ब्यौरा दिया गया है। जिसमें सामने आया है कि दोनों राज्यों में 2014 के चुनावों में 280 करोड़ रुपये चुनाव प्रचार पर खर्च किए गए।

हरियाणा और महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में दलों और प्रत्याशियों के खर्च पर चुनाव आयोग ने भले ही शिकंजा कसा हुआ हो। लेकिन चुनाव दर चुनाव खर्च बढ़ता नजर आ रहा है। प्रत्येक राजनीतिक दल अन्य खर्चों की तुलना में चुनाव प्रचार पर सर्वाधिक खर्च करता है। दोनों राज्यों में पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में कुल चुनावी खर्च का 77 फीसदी चुनाव प्रचार पर खर्च किया गया।

280 करोड़ चुनाव प्रचार पर खर्च

हरियाणा व महाराष्ट्र में वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में छह राष्ट्रीय दलों और नौ क्षेत्रीय दलों ने अपने चुनावी खर्च और व्यय का ब्यौरा चुनाव आयोग में जमा कराया है। उसके मुताबिक दोनों राज्यों में इन 15 दलों को 464.55 करोड़ रुपये मिले। इसमें से 362.87 करोड़ रुपये चुनावी पर खर्च किए गए। इसमें से 280.72 करोड़ रुपये अकेले चुनाव प्रचार पर खर्च किया गया। जिसमें 245.22 करोड़ मीडिया विज्ञापनों पर खर्च किए। इसके अलावा बाकी प्रचार सामग्री और सार्वजनिक बैठकों का खर्च घोषित किया गया है। जबकि यात्रा खर्च 41.40 करोड़, उम्मीदवारों का खर्च 18.16 करोड़ और अन्य खर्च 22.59 करोड़ रुपये दिखाया गया है। इन दलों ने प्रचार के जरिए सबसे ज्यादा 166.92 करोड़ रुपये केंद्रीय मुख्यालयों से खर्च किया है।

चुनावी खर्च में भाजपा रही अव्वल

हरियाणा और महाराष्ट्र के पिछले चुनाव में भाजपा ने सर्वाधिक 296.74 करोड़ रुपये एकत्र किये। इनमें से चुनाव प्रचार पर सर्वाधिक 186.39 करोड़ रुपये खर्च किये। इसके बाद 41.19 करोड़ रुपये चुनाव प्रचार में खर्च किये। जबकि राकांपा ने 30.665 करोड़ रुपये का प्रचार पर खर्च किया। बसपा, एआईएफबी, आईयूएमएल और जदयू ऐसे चार दलों में शामिल रहे जिन्होंने दोनों राज्यों में चुनाव लड़ने के बावजूद केंद्र या राज्य इकाई से कोई धन लेकर खर्च नहीं किया।

तीन बार होगी खर्च की जांच

चुनाव आयोग के मुताबिक हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सियासी दलों और प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च की 21 अक्टूबर से पहले कम से कम तीन बार जांच करानी होगी। प्रत्याशियों की ओर से चुनाव पर खर्च की जाने वाली धनराशि का विवरण खर्च रजस्टिर में दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। सभी प्रत्याशियों को अपने खर्च रजिस्टर, खर्चों के बिल, भुगतान की रशीद और खर्च से संबंधित अन्य जरूरी दस्तावेज व विवरण पेश करना होगा।

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