Hathras Rape Protest Live: हाथरस कांड को लेकर कांग्रेस सपा का हंगामा जारी, कोर्ट से कहा परिवार की इजाजत से हुआ अंतिम संस्कार

Hathras Rape Protest Live: हाथरस कांड को लेकर कांग्रेस सपा का हंगामा जारी, कोर्ट से कहा परिवार की इजाजत से हुआ अंतिम संस्कार
X
हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर देशभर में जनता और विपक्ष का प्रदर्शन जारी है। इस बीच सरकार ने कोर्ट से कहा कि परिवार की इजाजत से पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। उधर, सीबीआई से मामले की जांच कराने और केस दिल्ली ट्रांसफर कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है।

Hathras Rape Protest Live: हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर देशभर में जनता और विपक्ष का प्रदर्शन जारी है। इस बीच सरकार ने कोर्ट से कहा कि परिवार की इजाजत से पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। उधर, सीबीआई से मामले की जांच कराने और केस दिल्ली ट्रांसफर कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में, सरकार ने दावा किया कि पीड़ित परिवार दाह संस्कार के दौरान मौजूद था और आगे की हिंसा से बचने के लिए उपस्थित होने के लिए सहमत हुआ। जबकि सरकार ने मंगलवार को कहा कि 19 वर्षीय दलित महिला के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया था।

जिसका कथित तौर पर चार असाधारण जातियों द्वारा 4 अक्टूबर की रात को असाधारण परिस्थितियों के कारण मृतक का सामूहिक बलात्कार किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।

राज्य सरकार ने की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश

राज्य सरकार ने यह भी कहा कि हाथरस मामले में निष्ठपूर्ण जांच के बावजूद कुछ निहित स्वार्थों के इशारे पर अलग-अलग झूठी बयानबाज़ी शुरू हो गई है। इसके तहत मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की।

ताकि कोई निहित स्वार्थ तिरस्कारपूर्ण उद्देश्यों के साथ एक नकली और झूठी कथा नहीं बना पाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई या एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा चार दरिंदों द्वारा दलित महिला के कथित बलात्कार और हत्या की जांच की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है।

इस मामले की सुनवाई दोपहार बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे और जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली बेंच करेगी।

राज्य भर में 21 मामले दर्ज

उधर, हाथरस गैंगरेप घटना को लेकर यूपी पुलिस ने राज्य भर में 21 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से छह मामले जिले में दर्ज किए गए हैं। यह केस सोशल मीडिया और सार्वजनिक बैठकों के द्वारा जाति और सांप्रदायिक तनाव को भड़काने और राज्य सरकार को बदनाम करने के खिलाफ किया गया है।

योगी सरकार ने आदेश दिया था कि जो लोग जाति और सांप्रदायिक दंगे भड़काना चाहते हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएं।

Tags

Next Story