स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे बोले- डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों की बारीकी से निगरानी की जाएगी, अधिकारियों को दिया आदेश

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे बोले- डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों की बारीकी से निगरानी की जाएगी, अधिकारियों को दिया आदेश
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अधिकारियों को निर्देश दिया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों की बारीकी से निगरानी की जाए।  इन मामलों के बारे में जानकारी एकत्र की जानी चाहिए और अध्ययन के लिए दर्ज की जानी चाहिए।  हम हर जिले से 100 सैंपल ले रहे हैं।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर बयान दिया है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों की बारीकी से निगरानी की जाए। इन मामलों के बारे में जानकारी एकत्र की जानी चाहिए और अध्ययन के लिए दर्ज की जानी चाहिए। हम हर जिले से 100 सैंपल ले रहे हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में देखे गए हैं। अब तक लगभग 40 मामलों की पहचान की गई है और व्यापकता में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। इन राज्यों को निगरानी, ​​सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने की सलाह दी गयी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कोरोन वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 40 मामलों की रिपोर्ट करता है, ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के हैं। यह वेरिएंट अभी भी रुचि का एक प्रकार है।

क्या है कोरोना का नया डेल्टा प्लस वेरिएंट!

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कोरोना वायरस (कोविड-19) का डेल्टा वैरिएंट (B.617.2) भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में चिंता बढ़ा रहा है। तब तक यह म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में भी तब्दील हो गया है। डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है। K417N दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के बीटा वैरिएंट और ब्राजील में पाए गगए गामा वैरिएंट में पाया गया है। बहरहाल, वैज्ञानिक जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए लगातार नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग बुलेटिन जारी हो सकती है।

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