छात्रोें की डिग्री और मार्कशीट ऑनलाइन देने के हाईकोर्ट ने डीयू को दिये निर्देश

छात्रोें की डिग्री और मार्कशीट ऑनलाइन देने के हाईकोर्ट ने डीयू को दिये निर्देश
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दिल्ली यूनिवर्सिटी को हाईकोर्ट ने छात्रों की डिग्री और मार्कशीट ऑनलाइन जारी करने के निर्देश दे दिये हैं। और यह सलाह दी है कि छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए। जिससे उन्हें अपनी परेशानी का हल निकालने के लिए कोर्ट में नहीं आना पडे। छात्रों के सर्टिफिकेट उचित समय पर जारी होने चाहिए।

दिल्ली यूनिवर्सिटी को हाईकोर्ट ने छात्रों की डिग्री और मार्कशीट ऑनलाइन जारी करने के निर्देश दे दिये हैं। और यह सलाह दी है कि छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए। जिससे उन्हें अपनी परेशानी का हल निकालने के लिए कोर्ट में नहीं आना पडे। छात्रों के सर्टिफिकेट उचित समय पर जारी होने चाहिए। जिससे छात्रों को आगे के पाठ्यक्रम में आसानी से प्रवेश मिल सके।

बुधवार के दिन दिल्ली हाईकोर्ट ने डीयू को निर्देश दिया है कि छात्रों के प्रमामपत्रों, अंकतालिकाओं को देने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का निर्माण किया जाये। छात्रों के मनोरंजन के लिए डिजीटल सर्टिफिकेट, मार्कशीट और टेपों की व्यवस्था होनी चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रथिबा एम सिंह ने दिल्ली यूनिरवर्सिटी के कंप्यूटर विभाग के निदेशक संजीव सिंह और डीन विनय गुप्ता को गुरूवार के दिन कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश निये हैं। कोर्ट में उनको साथ ही छात्रों के प्रमाण पत्रों के लिए बनाये गये विशेष प्रकोष्ठ के दस्तावेजों को जाँच के लिए प्रस्तुत करना होगा।

हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय की मेडिकल संकाय से जुडे एक केस के विषय में भी निर्देश जारी किये हैं। यह मामला लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर चुके डाॅक्टरों का है जिनको आज तक उनका डिग्री प्रमाण पत्र नहीं मिला है जबकि सत्र 2018 में वे एमबीबीएस स्नातक कर चुके हैं । इस मामले को लेकर उन्होनें दिल्ली कोर्ट में याचिका दायर की थी। डाॅक्टरों का केश लड रहे वकील सार्थक मग्गन ने बताया है कि अमरीका की मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा के लिए उन्हें डिग्री की आवश्यकता है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के वकील मोहिंदर रूपल ने कोर्ट को जानकारी दी है कि प्रमाण पत्रों को छापवाने के कार्य पर महाविद्यालय आवश्यक कार्यवाही कर रहा है। यह कार्य निविदा पर किया जायेगा जिसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

जिसके लिए एक अगस्त को बोली जमा होेंगी और तीन अगस्त को खोल दी जायेंगी। बोली खुलने के बाद अनुबंध किया जायेगा और उसके बाद अंदर प्रवेश की अनुमति दी जायेगी। कोर्ट ने महाविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया है जो डाॅक्टर कोरोना महामारी में मानव की सेवा के लिए कार्य कर रहे हैं वो अपने प्रमाण पत्रों के लिए कोर्ट में खडे न हों।







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