J&K तक पहुंचा हिजाब विवाद, फारूक अब्दुल्ला बोले- कट्टरपंथी तत्व चुनाव जीतने के लिए एक विशेष धर्म पर कर रहे हैं हमला

J&K तक पहुंचा हिजाब विवाद, फारूक अब्दुल्ला बोले- कट्टरपंथी तत्व चुनाव जीतने के लिए एक विशेष धर्म पर कर रहे हैं हमला
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जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने रविवार को बिना नाम लिए मोदी सरकार (Modi government) पर जमकर निशाना साधा है।

जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने रविवार को बिना नाम लिए मोदी सरकार (Modi government) पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक आधार (Communal grounds) पर लोगों को बांटकर चुनाव जीतने के प्रयास में कट्टरपंथी तत्व एक विशेष धर्म पर हमला कर रहे हैं।

उन्होंने यह बात ऐसे समय कही जब कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab controversy) ने देश को आंदोलित कर दिया है। फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने पुलवामा में आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि "हर किसी को अपनी इच्छानुसार पहनने और खाने का अधिकार है और वह अपनी धार्मिक मान्यताओं (Religious beliefs) का पालन करने के लिए स्वतंत्र है।

लेकिन कुछ कट्टरपंथी तत्व हैं जो लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटकर चुनाव जीतने की कोशिश में एक धर्म पर हमला कर रहे हैं। वही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने हिजाब विवाद को लेकर केंद्र पर तंज कसा। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'मुझे डर है कि बीजेपी सिर्फ हिजाब पर ही नहीं रुकेगी, वह मुसलमानों के दूसरे प्रतीकों को भी खत्म करने की कोशिश कर रही है।

वह मुसलमानों के अन्य प्रतीकों को भी नष्ट करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों (Indian Muslims) का सिर्फ भारतीय होना ही काफी नहीं है, उन्हें भी बीजेपी का होना जरूरी है। "कर्नाटक में हिजाब विरोध इस साल जनवरी में शुरू हुआ जब राज्य के उडुपी जिले के सरकारी गर्ल्स पीयू कॉलेज (Government Girls PU College) के कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें कक्षाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है।

विरोध के दौरान, कुछ छात्रों ने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कॉलेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। इस घटना के बाद विजयपुरा स्थित शांतेश्वर एजुकेशन ट्रस्ट में विभिन्न कॉलेजों के छात्र भगवा स्टोल पहनकर पहुंचे।

यही स्थिति उडुपी जिले के कई कॉलेजों में भी रही। प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा बोर्ड (Board of Pre-University Education) ने एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि छात्र केवल स्कूल प्रशासन द्वारा अनुमोदित ड्रेस पहन सकते हैं और कॉलेजों में किसी भी अन्य धार्मिक प्रथाओं की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस बीच, कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने भी राज्य में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए छात्र समुदाय और आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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