अटल टनल रिकॉर्ड: दुनिया की सबसे लंबी सुरंग खुली, स्थानीय लोगों को मिली ये सुविधाएं

अटल टनल रिकॉर्ड: दुनिया की सबसे लंबी सुरंग खुली, स्थानीय लोगों को मिली ये सुविधाएं
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आज हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग खुल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामरिक रूप से अहम सभी मौसम में खुली रहने वाली अटल सुरंग (अटल टनल) का आज यानी शनिवार को सुबह 10 बजे हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में उद्घाटन किया।

आज हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग खुल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामरिक रूप से अहम सभी मौसम में खुली रहने वाली अटल सुरंग (अटल टनल) का आज यानी शनिवार को सुबह 10 बजे हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में उद्घाटन किया। इस सुरंग के कारण मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह के बाद पीएम मोदी ने लाहौल स्पीति के सीसू और सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में संबोधित किया।

अटल सुरंग दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है और 9.02 लंबी सुरंग मनाली को सालों भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। पहले घाटी छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण शेष हिस्से से कटी रहती थी। सुरंग को हिमालय के पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अत्याधुनिक विशिष्टताओं के साथ समुद्र तल से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है।

रोहतांग की पीर पंजाल की पहाडिय़ों पर लगभग 9.02 किलोमीटर लंबी घोड़े की नाल के आकार, अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित यह सुरंग मनाली-लेह मार्ग पर लगभग 10040 फुट की उंचाई पर है, जिसके निर्माण पर लगभग 3200 करोड़ रुपए की लागत आई है। सुरंग का दक्षिण छोर मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसका उत्तरी छोर लाहुल घाटी में तेलिंग सिस्सु गांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

इस सुरंग में हर 60 मीटर पर हाईड्रेंट, 150 मीटर पर टेलीफोन की सुविधा, हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे, हर 500 मीटर पर आपात निकास, हर एक किलोमीटर पर वायु गुणवत्ता की जांच और प्रत्येक 2.2 किलोमीटर पर वाहन मोडऩे की व्यवस्था की गई है। इस सुरंग के दोनों छोरों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गये हैं जहां से हर किसी गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा सकती है। सामरिक दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण इस सुरंग से सेना और सैन्य साजोसामान आसानी से लेह लद्दाख क्षेत्र में चीन से तथा कारगिल मेें पाकिस्तान से लगती सीमाओं तक पहुंचाए जा सकेंगे।

विश्व में किसी राजमार्ग पर सबसे लंबी इस सुरंग के निर्माण से मनाली और लेह के बीच की दूरी भी लगभग 46 किलोमीटर कम हो जाएगी तथा लगभग आवागमन का चार-पांच घंटे का समय भी बचेगा। इस सुरंग के माध्यम से मनाली और केलांग का रास्ता मात्र डेढ़ घंटे में तय किया जा सकेगा। सर्दियों के मौसम में बर्फवारी के कारण राज्य का लाहौल स्पीति जिला और लेह घाटी हर वर्ष लगभग छह माह के लिये देश के शेष हिस्सों से कट जाती है, लेकिन इस सुरंग के निर्माण से अब वाहनों का आवागमन पूरे वर्ष सुगमता से हो सकेगा, साथ ही मनाली, लाहुल और लेह निवासियों की कठिनाइयां कम होंगी।

सुरंग के बनने से लाहुल घाटी सहित चंबा की किलाड़ और पांगी घाटी में विकास की नई गाथा लिखी जाएगी। लेह लद्दाख में बैठे देश के प्रहरियों तक रसद तथा रोहतांग दर्रे के उस तरफ के निवासियों को वर्षभर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। सुरंग के बनने से मनाली लेह राजमार्ग पर पर्यटन और इससे जुड़ी ढांचागत गतिविधियां बढ़ेंगी जिनसे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इस क्षेत्र के बागबानों को अपनी उपज देश के अन्य हिस्सों में पहुंचाने में भी सुगमता होगी। सुरंग के निर्माण से देश और विदेश से अधिकाधिक संख्या में पर्यटक इस क्षेत्र की ओर उमड़ेंगे। मनाली आने वाला पर्यटक अवश्य ही इस सुरंग को देखने और इसमें से गुजरने की इच्छा रखेगा।

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