Hindi Diwas 2019: दुनिया में चौथे नबंर पर बोली जाती है हिंदी भाषा, जानें इससे जुड़ी कई रोचक बातें

Hindi Diwas 2019: दुनिया में चौथे नबंर पर बोली जाती है हिंदी भाषा, जानें इससे जुड़ी कई रोचक बातें
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हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को ही मनाया जाता है। इस दिन हिंदी के प्रोत्साहन को लेकर देश और दुनिया में कई कार्यक्रम होते हैं। वैसे दुनिया में हिंदी चौथे नंबर की सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा है। जबकि हिंदी भारत की आधिकारिक राज्यभाषा है। जहां सभी काम हिंदी में होते हैं। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में हिंदी काफी लोकप्रिय भाषा है।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को ही मनाया जाता है। इस दिन हिंदी के प्रोत्साहन को लेकर देश और दुनिया में कई कार्यक्रम होते हैं। वैसे दुनिया में हिंदी चौथे नंबर की सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा है। जबकि हिंदी भारत की आधिकारिक राज्यभाषा है। जहां सभी काम हिंदी में होते हैं। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में हिंदी काफी लोकप्रिय भाषा है।

इतिहास के मुताबिक, आज ही के दिन 14 सितंबर 1949 हिंदी को राजभाषा का दर्जा देकर जोड़ा गया था। इससे पहले सभी काम अंग्रेजी में हुआ करते थे। 200 सालों तक भारत में अंग्रेजी भाषा में कही सभी आधिकारिक कामकाज हुए। स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया।


जानें इसे जुड़ी कुछ रोचक बातें

1. इतिहास के बैकग्राउंड में जाएं तो पता चलता है कि हिंदी भाषा का भी काफी विरोध हुआ था। 1949 में संविधान सभा ने फैसला किया और उसके बाद वर्धा ने हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया। वहीं इसके प्रचार की भी जिम्मेदारी ली।

2. हिंदी भारत की 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है। जो दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह देवनागरी लिपि में लिखित जाती है। दूसरी अंग्रेजी भाषा है।

3. भारत में ब्रिटिश शासन के 200 सालों के दौरान हिंदी एक पिछड़ी भाषा हो गई थी। लेकिन 15 अगस्त 1947 को आजाद होने के बाद भारत ने खुद को एक नए युग की दहलीज पर खड़ा पाया, तो अपनी भाषा को भी अपनाया।

4 हिंदी को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आधार में एक मुकाम पाने के साथ-साथ भारत को भाषाई सामंजस्य की चुनौती का भी सामना करना पड़ा। लोगों के मन में सवाल थे कि भारत की आधिकारिक भाषा क्या हो सकती है।

5. हिंदी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच संवाद की प्राथमिक भाषा है। राज्य सरकारों को अपनी आधिकारिक भाषा चुनने का विकल्प दिया गया है। कई राज्यों में अपनी आधिकारिक भाषाएं भी हैं। जैसे तमिल, बांग्ला, मलयालम आदि। सरकार ने कन्नड़, मलयालम, ओडिया, संस्कृत, तमिल और तेलुगु को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया हुआ है।

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