जानें क्या है अंडमान और निकोबार का इतिहास, जहां नेताजी ने पहली बार फहराया था तिरंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को अंडमान और निकोबार द्वीप (Andaman and Nicobar Islands) समूह के 21 द्वीपों का नामकरण किया। द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज एक महान दिन है जिसे भारत के 'अमृत काल' के इतिहास में एक महान अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) ने कहा कि अंडमान की ये धरती वो भूमि है जहां पहली बार तिरंगा फहराया गया था। जहां पहली बार स्वतंत्र भारत की सरकार बनी थी। तो चलिए जानते हैं किया है अंडमान और निकोबार का इतिहास...
572 द्वीप से मिलकर बना हैं अंडमान निकोबार
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। यह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिंद महासागर में स्थित है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में लगभग 572 छोटे और बड़े द्वीप से मिलकर बना हैं, जिनमें से कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं। यहां की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। भारत का यह केंद्र शासित प्रदेश हिंद महासागर में स्थित है और भौगोलिक रूप से दक्षिणपूर्व एशिया का हिस्सा है। यह आचेह इंडोनेशिया से 150 किमी उत्तर में स्थित है, और अंडमान सागर द्वारा थाईलैंड और म्यांमार से अलग करता है। दो प्रमुख द्वीपों से मिलकर बना द्वीपसमूह 10°N अक्षांश द्वारा अलग किया गया है, जिसके उत्तर में अंडमान द्वीप समूह है। और दक्षिण में निकोबार द्वीप समूह है। इस द्वीपसमूह के पूर्व में हिंद महासागर है और पश्चिम में बंगाल की खाड़ी है। द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर, एक अंडमानी शहर है। 2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, इसकी जनसंख्या 379,944 है। जिनमें से 202,330 (53.25%) पुरुष और 177,614 (46.75%) महिलाएं हैं। लिंग अनुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 878 महिलाएं हैं। निकोबार द्वीप समूह में केवल 10% आबादी रहती है। पूरे क्षेत्र का कुल भूमि क्षेत्र लगभग 8249 किमी² या 2508 वर्ग मील है।
पर्यटकों का पसंदीदा स्थान
अंडमान शब्द मलय भाषा के शब्द हंडुमन से लिया गया है, जो हिंदू देवता हनुमान के नाम का एक संशोधित रूप है। निकोबार शब्द भी इसी भाषा से बना है जिसका अर्थ होता है नग्न लोगों की भूमि। हिंद महासागर में बसा शांत अंडमान भारत का लोकप्रिय द्वीप समूह है, जो पर्यटकों को अपार आनंद की अनुभूति कराता है। अंडमान ने अपने क्षेत्र में प्रवाल भित्तिया, स्वच्छ समुद्री तट, पुरानी स्मृतियों से जुड़े खंडहर और कई प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों को संरक्षित रखा है। कुल 572 द्वीप हैं, जो एक से बढ़कर एक खूबसूरत है। अंडमान का लगभग 86 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। यह द्वीप समुद्री जीवन, इतिहास और जल क्रीड़ाओं में रुचि रखने वाले पर्यटकों का पसंदीदा है।
नेताजी ने पहली बार फहराया था तिरंगा
इस पर अंग्रेजों का शासन था और बाद में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेपाल ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। कुछ समय तक यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज के अधीन भी रहा। बहुत कम लोग जानते होंगे कि देश में कहीं भी पहली बार पोर्ट ब्लेयर में ही तिरंगा फहराया गया था। यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) ने 30 दिसंबर 1943 को यूनियन जैक उतारकर तिरंगा झंडा फहराया था। 1947 में ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता के बाद, यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।
काला पानी के नाम से था मशूहर
स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय क्रांतिकारियों को भारत से दूर रखने के लिए ब्रिटिश शासन (British Rule) इस स्थान का उपयोग किया करता था। इस कारण यह स्थान आंदोलनकारियों के बीच काला पानी के नाम से प्रसिद्ध था।
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