Morbi Cable Bridge History: मोरबी में गिरे केबल पुल से जुड़े इन 5 सवालों का कौन देगा जवाब, 135 साल पहले हुआ था निर्माण

Gujarat Cable Bridge Collapse History: बीते रविवार को गुजरात के मोरबी में 135 साल पुराना केबल ब्रिज टूट गया। इस हादसे में 140 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने हादसे पर स्पेशल टास्क फोर्स टीम का गठन भी किया है। दिवाली पर कई महीनों की रिपेयरिंग के बाद खुले इस पुल पर रविवार को करीब 500 लोग पहुंचे। जबकि पुल पर लोगों की क्षमता 100 लोगों की है। ऐसे में इस केबल ब्रिज के गिरने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है सबसे पहला सवाल है, सरकार या कंपनी, साथ ही इसका इतिहास कितना पुराना है।
इस हादसे के बाद से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं...
पहला सवाल: 140 साल से भी ज्यादा पुराना ब्रिज आखिकार खुलने के 5 दिन बाद क्यों गिरा?
दूसरा सवाल: आखिर पुल का निर्माण करने वाली कंपनी ओरवा ने बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के इस पुल को कैसे खोला?
तीसरा सवाल: जब कंपनी ने नियमों की अनदेखी की तो प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
चौथा सवाल: जब पुल की क्षमता 10 लोगों की थी तो फिर वहां 500 लोगों को क्यों आने जाने दिया?
पांचवां सवाल: कंपनी की ओर से पुल का संचालन करने के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था क्यों नहीं थी?
जानकारी के लिए बता दें कि इस हादसे के बाद कंपनी के खिलाफ धारा 304, 308 और 114 के तहत मामला दर्ज हुआ है। फिलहाल, मामले की एसआईटी भी जांच कर रही है। कंपनी ओरवा को साल मार्च 2022 में अगले 15 साल के लिए इस केबल ब्रिज के रखरखाव का ठेका मिला था। कहा जाता है कि मोरबी का पुल 1887 में बनाया गया था। जिसे मोरबी के राजा वधाजी ठाकोर ने बनवाया था। यह मच्छू नदी पर बना है। यह ब्रिज 1.25 मीटर लंबा और 233 मीटर चौड़ा है। आखिर 135 साल पुराने इस पुल पर सवाल उठना लाजिमी है। क्योंकि भारत में आज भी ऐसे पुल हैं, जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है। क्योंकि कहा जाता है कि ज्यादातर पुलों की उम्र 60 साल होती है, लेकिन कई पुल अभी भी काम कर रहे हैं।
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