गृहमंत्री अमित शाह का दावा लोकमान्य तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भारतीय बनाया

गृहमंत्री अमित शाह का दावा लोकमान्य तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भारतीय बनाया
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा आयोजित 'लोकमान्य तिलक-स्वराज से आत्मनिर्भर भारत' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का उद्घाटन किया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा आयोजित 'लोकमान्य तिलक-स्वराज से आत्मनिर्भर भारत' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का उद्घाटन किया। शाह ने शनिवार को इस मौके पर लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को भारतीय बनाने का श्रेय दिया और कहा कि लोकमान्य तिलक का स्वतंत्रता आन्दोलन में अतुलनीय योगदान है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तिलक ने अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा' का जो नारा दिया वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा रहेगा। अमित शाह ने कहा कि मरण और स्मरण में आधे अक्षर का अंतर है, लेकिन यह आधा 'स' जोड़ने के लिए पूरे जीवन का त्याग करना पड़ता है और तिलक जी इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तिलक जी से पूर्व 'गीता' के सन्यास भाव को लोग जानते थे लेकिन जेल में रहते हुए तिलक जी ने 'गीता रहस्य' लिखकर गीता के अंदर के कर्मयोग को लोगों के सामने लाने का काम किया और लोकमान्य तिलक द्वारा रचित 'गीता रहस्य' आज भी लोगों का मार्गदर्शन कर रही है। अमित शाह ने कहा कि भारत, भारतीय संस्कृति और भारतीय जनमानस को समझने वाले लोकमान्य तिलक आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।

उन्होने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि यदि भारत और भारत के गरिमामय इतिहास को जानना है तो बाल गंगाधर तिलक को बार-बार पढ़ना होगा। उन्होने युवाओं से यह भी कहा कि हर बार पढ़ने से तिलक जी के महान व्यक्तित्व के बारे में कुछ नया ज्ञान प्राप्त होगा और उनसे प्रेरणा लेकर युवा जीवन में नई ऊंचाई हासिल कर सकेंगे।

आत्मनिर्भर भारत के प्रेरणा स्रोत

अमित शाह ने कहा कि लोकमान्य तिलक का स्वभाषा और स्वसंस्कृति का जो आग्रह था, उसे मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति में शामिल किया गया है। वहीं तिलक जी के विचारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यू इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है।

लोकमान्य तिलक ने कहा था कि सच्चे राष्ट्रवाद का निर्माण पुरानी नींव के आधार पर ही हो सकता है, जो सुधार पुरातन के प्रति घोर असम्मान की भावना पर आधारित है उसे सच्चा राष्ट्रवाद रचनात्मक कार्य नहीं समझता।

शाह ने कहा कि लोगों को स्वाधीनता आंदोलन से जोड़ने के लिए लोकमान्य तिलक ने शिवाजी जयंती और सार्वजनिक गणेश उत्सवों को लोकउत्सव के रूप में मनाने की शुरूआत की जिससे भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन की दिशा और दशा दोनों बदल गई।

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