लोकसभा में पारित हुआ होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2019, जानिए प्रमुख बातें..

17 जून से शुरु हुए संसद सत्र में आज यानि 27 जून 2019 शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, 2019 (HOMEOPATHY CENTRAL COUNCIL (AMENDMENT) ORDINANCE 2019) के विधेयक को लोकसभा पारित कर दिया है। इस अध्यादेश संशोधन से केंद्रीय परिषद के पुनर्गठन की अवधि और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के कार्यकाल में बदलाव किया गया है।
आपको बता दें कि आयुष मंत्री श्रीपद येशो नाइक की तरफ से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में शुक्रवार को होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया गया था । जिसमें होम्योपैथी केंद्रीय परिषद के पुनर्गठन (HOMEOPATHY CENTRAL COUNCIL Reconstituted) की मौजूदा अवधि एक साल को से बढ़ाकर दो साल करने के प्रस्ताव रखा गया था।
जिससे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का कार्यकाल 17 मई, 2019 से एक साल के लिए और बढ़ाया जा सके। इस विधेयक के संसद में पारित होने के बाद पिछली सरकार के द्वारा लाया गया अध्यादेश अपने आप समाप्त हो जाएगा और ये विधेयक उसकी जगह लेगा। विधेयक पेश करते हुए श्रीपद येशो नाईक ने कहा कि सरकार होम्यपैथी कॉलेजों और इसकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की कोशिश कर रही है।
होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अधिनियम, 2019 की खासियतें :
1.होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अधिनियम में संशोधन के बाद केंद्रीय परिषद के पुनर्गठन की अवधि को मौजूदा एक वर्ष से दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा।
2. इस संशोधन के बाद होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल की शक्तियों का प्रयोग करने और होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल के कार्यों को करने के लिए 17 मई, 2019 से प्रभावित होने के साथ-साथ एक वर्ष की अवधि के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अधिनियम, 2018 :
1. सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी (CCH) के गवर्नर बोर्ड के अलावा अधिनियम और होम्योपैथी शिक्षा प्रणाली को बदलनें और उसमें जवाबदेही और गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से संशोधन किया गया था।
2. सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी (संशोधन) अधिनियम की स्थापना साल 1973 में की गई थी। तब होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल होम्योपैथिक शिक्षा और अभ्यास को नियंत्रित करता था।
3.साल 1973 में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में सात सदस्य शामिल होते थे । जिसमें होम्योपैथी शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति, केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रख्यात प्रशासक को केंद्र सरकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त कर सकती है। सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी के अध्यक्ष नीतिगत निर्णयों के लिए भी केंद्र सरकार पर निर्भर रहेंगे।
4. सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी संशोधन विधेयक में होम्योपैथी कॉलेजों के लिए भी दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया गया है। जिसके मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति ने होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की स्थापना की है या एक स्थापित होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज ने नए पाठ्यक्रम खोले हैं या विधेयक के पारित होने से पहले अपनी प्रवेश क्षमता बढ़ा दी है, तो उसे एक वर्ष के भीतर केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी।
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