Telangana Election 2023: तेलंगाना में किस पार्टी के कितने दागी उम्मीदवार लड़ने जा रहे चुनाव, संख्या देखकर चौंक जाएंगे आप

Telangana Election 2023: तेलंगाना में कल यानी 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। मतदान के लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। आज शाम को पोलिंग पार्टियां रवाना हो जाएंगी। 119 विधानसभा सीटों के लिए कल सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। राज्य में 35 हजार 6 सौ 55 मतदान केंद्रों पर 3 करोड़ 26 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें से 12 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों को संवेदनशील चिन्हित किया गया है। ऐसे में अब जानना ये जरूरी है कि इस बार चुनाव मैदान में कितने उम्मीदवार दागी हैं। इसके साथ ही यहां ये भी जानना है कि प्रदेश में कितने प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। तो चलिए सबसे पहले दागी उम्मीदवारों के बारे जानते हैं कि किस पार्टी के कितने प्रतिशत कैंडिडेट दागी हैं।
2,290 उम्मीदवारों में से 23 प्रतिशत दागी
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। एडीआर और तेलंगाना इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना चुनाव में कुल 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें से 23 प्रतिशत दागी उम्मीदवार हैं। दरअसल इन उम्मीदवारों ने नामांकन के दौरान जमा किए एफिडेविट में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। प्रत्याशियों द्वारा दी गई एफिडेविट में आपराधिक जानकारी के आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ये डाटा तैयार किया है।
कांग्रेस-बीजेपी के सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों को टिकट कांग्रेस और बीजेपी ने दिया है। दरअसल कांग्रेस के 72% प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है तो वहीं बीजेपी के 71% प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। दोनों पार्टियों में सिर्फ एक प्रतिशत का अंतर है। इतना ही नहीं अगर इन प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर मामलों के प्रतिशत की बात की जाए तो कांग्रेस के से 51% के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं तो वहीं, बीजेपी भी कम नहीं है बीजेपी के 49% प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
14 प्रतिशत निर्दलीय भी हैं दागी
यहीं नहीं तेलंगाना विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे निर्दलीय उम्मीदवारों के खिलाफ भी आपराधिक मामलों की संख्या कम नहीं है। यहां 14% निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। वहीं, अब बात की जाए सबसे कम दागी उम्मीदवार किस पार्टी के हैं तो उस पार्टी का नाम ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक है। इस पार्टी में करीब एक-चौथाई (24%) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जोकि अन्य राजनीतिक दलों के मुकाबले सबसे कम हैं।
15 प्रतिशत प्रत्याशियों पर गंभीर मामले दर्ज
अगर ओवरऑल आंकड़ों बात करें तो 15% के खिलाफ यानी 353 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2018 के चुनावों में यह आंकड़ा 13% था। वहीं इन 353 ‘दागियों’ के खिलाफ दर्ज मामलों में गंभीर आपराधिक केस की बात करें तो इनमें 7 हत्या के मामले, 27 हत्या के प्रयास के मामले और 45 मामले महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित हैं। रिपोर्ट में राज्य के 81% निर्वाचन क्षेत्रों को 'रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र' घोषित किया गया है। यहां रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र का मतलब है ऐसे निर्वाचन क्षेत्र जहां से चुनाव लड़ने वाले 3 या अधिक उम्मीदवारों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र की संख्या 66% थी। वहीं अब बात करें करोड़पति प्रत्याशीयों की तो इस बार तेलंगाना चुनाव में करीब एक-चौथाई से अधिक उम्मीदवार करोड़पति हैं।
25 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति
रिपोर्ट के मुताबिक 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या करीब 25% है। सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार सीएम केसीआर की पार्टी बीआरएस के हैं। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 96% उम्मीदवार और कांग्रेस के 94% उम्मीदवार करोड़पति हैं। इसके अलावा बीजेपी के 84% कैंडिडेट्स करोड़पति हैं। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की पार्टी भी इस मामले में पीछे नहीं है। एआईएमआईएम के 89 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। इस चुनाव में उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 4.71 करोड़ है। हालांकि, 41.48% उम्मीदवारों के पास 10 लाख रुपये से कम की संपत्ति है। रिपोर्ट के हवाले से सभी पार्टियों ने आपराधिक छवि वाले और पैसे वाले प्रत्याशियों को टिकट देने से कोई परहेज नहीं किया है।
बता दें कि बीजेपी तेलंगाना में ओबीसी सीएम और राज्य में मुस्लिम के 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतरी है। उनमें से पार्टी का एक वादा यह भी है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्य नगर किया जाएगा। लिंक पर क्लिक कर पूरी खबर को पढ़ें।
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