देश के 4 बड़े Doctors ने फिर दिए कई सवालों के जवाब, बताया- ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा किन मरीजों के लिए जरूरी

देश के 4 बड़े Doctors ने फिर दिए कई सवालों के जवाब, बताया- ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा किन मरीजों के लिए जरूरी
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दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन, प्रोफेसर और एम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. नवीत विग और जनरल हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार एक बार फिर एक साथ आए।

देश में कोरोना को लेकर बिगड़ते हालातों पर पैनिक होती स्थिति के बीच एक बार फिर 4 बड़े डॉक्टरों ने कई अहम सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन, प्रोफेसर और एम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. नवीत विग और जनरल हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार एक बार फिर एक साथ आए।

दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने एएनआई के मंच पर चर्चा के दौरान कहा कि कोरोना हो जाए तो घबराने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है। सिर्फ 10 से 15 फीसदी मरीजों को ही रेमडेसिविर दवा की जरूरत होती है। सबसे ज्यादा इस दवा का इस्तेमाल वेंटिलेटर पर लेटे मरीज के लिए होता है।

उन्होंने आगे कहा कि रेमडेसिविर कोई मैजिक बुलेट नहीं, सिर्फ उन मरीजों को देने की जरूरत होती है, जो अस्पताल में भर्ती हों, जिनकी स्थिति गंभीर हो। नहीं तो रेमडेसिविर फायदे की जगह नुकसान करेगी। हर मरीज को रेमडेसिविर की जरूरत नहीं है।

एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति में जनता में पैनिक स्थिति है। लोगों ने घर में इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर रखने शुरू कर दिए हैं। जिससे इनकी कमी हो रही है। कोविड-19 आम संक्रमण है। इसमें 85 से 90 फीसदी लोगों में ये आम बुखार, जुकाम होता है। इसमें ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ती है। मरीज घर हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से ज़्यादा है, तो उन्हें रेमडेसिविर की कोई जरूरत नहीं है और अगर आम रेमडेसिविर लेते हैं। तो उससे आपको नुकसान ज़्यादा हो सकता है, फायदा कम होगा।

बातचीत के दौरान जनरल हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भी लोगों के बीच कई सारी अफवाहें हैं। बता दूं कि किसी भी वैक्सीन के साथ कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। वैक्सीन और कोविड-19 नियमों का पालन करना ही इसकी चेन को तोड़ना है। आगे कहा कि खबरों पर ज्यादा ध्यान न दें। केवल चुनिंदा खबरें ही देखें।

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