संसद में गूंजा हैदराबाद में डॉ प्रियंका रेड्डी से हुए गैंगरेप का मामला, दोषियों की हो मॉब लिंचिंग

संसद में सोमवार को हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से हुए गैंगरेप और हत्या के मामले की जोरशोर से गूंज सुनाई दी। शून्यकाल के दौरान दोनों सदनों में लगभग सभी दलों के जनप्रतिनिधियों ने महिला सुरक्षा के मामले को लेकर चर्चा कराए जाने की मांग की। जिसके बाद संसद से एकस्वर में सरकार से इस मामले में दोषी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरंत फांसी दिए जाने की मांग की गई।
राज्यसभा और लोकसभा के अध्यक्षों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे दुनिया के सामने भारत की छवि को धूमिल करने वाला बताया गया। राज्यसभा के सभापति एम़ वैंकेया नायडु ने कहा कि देश में ऐसी घटनाओं का समाधान नए बिल के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के जरिए किया जाना चाहिए। जिसमें सभी राजनीतिक दलों को राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होकर आगे आना होगा।
अगर यह जघन्य अपराध जारी रहते हैं तो सजा देने के लिए दोषी दुष्कर्मी की आयु वाले मुद्दे पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। यह समस्या केवल एक राज्य से जुड़ी हुई नहीं है। बल्कि यह पूरे समाज का रोग है। महिला सम्मान की बातें मीडिया, सिनेमा और सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित-प्रसारित की जानी चाहिए। अपराधियों पर सामाजिक दबाव हो। नशाखोरी और राष्ट्रीय राजमार्गों पर शराब मिलने जैसी चीजों पर सभी संबंधित भागीदारों को मिलकर विचार करना चाहिए।
दोषियों की हो मॉब लिंचिंग
राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा कि इस तरह के लोगों को जनता के बीच लाकर मार देना चाहिए। मैं यह सोचती हूं कि यह वह समय है कि जब जनता चाहती है कि सरकार इसका जवाब दे। सदन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस तरह की घटनाएं केवल कानून बनाकर खत्म नहीं होंगी। बल्कि इन्हें खत्म करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर खड़े होने की जरुरत है। कांग्रेस के सांसदों ने इस मामले को लेकर संसद भवन परिसर के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे प्रदर्शन भी किया। जिसमें जल्द से जल्द दोषियों को फांसी देने की मांग की।
सरकार हर कदम उठाने को तैयार
उधर लोकसभा में हुई चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के तेलंगाना से सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि इस घटना में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए। सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम सांसदों ने रेड्डी की बात का एक आवाज में समर्थन किया। लोकसभा में सदन के उप-नेता राजनाथ सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इस घटना से बड़ा और कोई दूसरा अमानवीय कृत्य नहीं हो सकता है। इससे पूरा देश शर्मसार हुआ है। सभी दलों ने इसकी भर्तस्ना की है। निर्भया गैंगरेप के बाद भी इसी सदन की रजामंदी से कठोर कानून बनाया गया था।
लेकिन उसके बाद भी देश में ऐसे जघन्य कृत्य हो रहे हैं। सदन इस मसले पर सहमति से जो भी निर्णय लिया जाएगा। वह सरकार को मंजूर होगा। इसमें चाहे इस मामले पर चर्चा करने की बात हो, कड़ी कारवाई करने या कठोर कानून बनाने जैसे तमाम बिंदुओं को लेकर सरकार तैयार है। लेकिन इसमें लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति मिलनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, मैं इस घटना की सदन की तरफ से कड़ी निंदा करता हूं। पहले भी ऐसे मामले को लेकर सदन के जरिए कठोर कानून बनाए गए हैं। लेकिन अब अगर उनमें कुछ संशोधनों की जरुरत होगी तो वह भी सदन करेगा। अगर सदन इस मसले पर चर्चा करना चाहेगा तो वह भी करा ली जाएगी।
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