मैं वही करूंगा जो जम्मू-कश्मीर के लोग मुझसे करवाना चाहते हैं: गुलाम नबी आजाद

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Ex Cm Ghulam Nabi Azad) ने अपने करीबी राज्य कांग्रेस (Congress) के कुछ नेताओं के इस्तीफे की जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि वह वही करेंगे जो जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं कि वह केंद्र शासित प्रदेश की बेहतरी के लिए काम करें। कठुआ जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं के एक सवाल का जवाब भी दिया।
संवाददाताओं गुलाम नबी आजाद से सवाल किया कि क्या वह मांग को ध्यान में रखते हुए अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। इस पर आजाद ने कहा कि मैं वह करूंगा जो जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं। राज्य के लोग चाहते हैं कि मैं इस राज्य की बेहतरी के लिए काम करूं और मैं वही करूंगा।
आजाद ने यह भी कहा कि उन्हें कांग्रेस नेताओं के इस्तीफे के बारे में आज अखबारों के जरिए ही पता चला है। मैं उसमें (पार्टी नेताओं द्वारा इस्तीफा) पार्टी नहीं हूं। मुझसे सलाह नहीं ली गई। मैंने खुद इसे अखबारों में पढ़ा था। दिग्गज नेता ने कहा कि उन्होंने उनसे बात नहीं की क्योंकि यह उनका निजी नजरिया है। मेरे लिए, हर कोई समान है। मैं एक टीम या दूसरी टीम के साथ नहीं हूं। मैं एक या दूसरे समूह से जुड़ा नहीं हूं।
मैं जम्मू और कश्मीर के आंतरिक क्षेत्रों की यात्रा करता हूं। लंबे समय तक यह राज्य के विभाजन और फिर COVID-19 महामारी के कारण संभव नहीं हो पाया था। यह सिर्फ लोगों के बारे में जानने के लिए है। कांग्रेस में आंतरिक कलह पर आजाद ने कहा कि यह सत्ताधारी दल में भी है। हमारे पास (कांग्रेस में) अधिक आंतरिक लोकतंत्र है। यहां तक कि उनके मंत्री भी (सरकार के खिलाफ) बोलते हैं। यह (आंतरिक कलह) नहीं होना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा हो रहा है।
बता दें कि जिन नेताओं ने रैली में आजाद के साथ मंच साझा किया और कांग्रेस में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने कहा कि केवल आजाद ही उन्हें जम्मू-कश्मीर में पार्टी के चेहरे के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करते हैं, न कि राज्य कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर को।
कठुआ में आजाद के नेतृत्व वाली रैली में पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि मीर हमें मंजूर नहीं है। हम आजाद साहब चाहते हैं और उन्हें पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने पार्टी और इस क्षेत्र के लिए बहुत त्याग किया है। बता दें कि पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा जो पार्टी पद से इस्तीफा देने वाले नेताओं में से हैं।
गौरतलब है कि बीते बुधवार को सूत्रों ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी करते हुए, चार पूर्व मंत्रियों और तीन पूर्व विधायकों, जो आजाद के समूह के प्रति वफादार थे, उन्होंने पार्टी पदों से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी मामलों पर सुनवाई का अवसर प्रदान नहीं किया गया है।
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