IAF Aircraft AN-32 Missing Day 2 : लापता ए.एन 32 को ढूंढने के लिए IAF लेगा ISRO सेटेलाइट्स की मदद

सोमवार की दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर भारतीय वायुसेना का विमान AN-32 लापता हो गया। विमान ने असम के जोरहाट से अरूणाचल प्रदेश के मेचूका एवांस लेंडिंग ग्राउंड (एएलजी) की ओर ओर उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना और अन्य सरकारी एजेंसियों ने रातभर हवाई और जमीनी स्तर पर अभियान चलाया। वहीं इस विमान को ढूंढने में इसरो (ISRO) के रडार इमेजिंग सेटेलाइट की सीरिज IRSAT की भी मदद ली जा रही है।
इस विमान में कुल 13 लोग सवार थे। जिसमें वायुसेना के चालक दल के 8 कर्मियों के अलावा 5 सामान्य नागरिक भी शामिल हैं। दूसरे दिन भी सरकार और सेनाओं के द्वारा सर्च अभियान जारी है। वायुसेना ने सुखोई एसयू-30 कॉम्बेट फाइटर प्लेन, एक सी-130 हरक्युलिस स्पेशल ऑपरेशन एयरक्राफ्ट को विमान की तलाशी में लगाया है, लेकिन एएन-32 विमान का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने बताया कि आज नौसेना का P-8I विमान सर्च ऑपरेशन में शामिल किया गया है। सेना के जवान ALH हेलीकॉप्टर से जमीनी स्तर पर खोज कर रहे हैं। नौसेना में P-8I शामिल हुआ है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन विमान का पता लगाने में वायुसेना की मदद कर रहे हैं।
Group Captain Anupam Banerjee, IAF spox on missing IAF AN-32 Aircraft: Today P-8I aircraft of Navy also joined in search op. Army personnel are doing ground search&joined in with ALH Helicopter. Navy joined at P-8I. Local police&admn are helping Air Force to locate the aircraft. pic.twitter.com/vsbPoZHhV2
— ANI (@ANI) June 4, 2019
उन्होंने कहा कि यह सर्च ऑपरेशन बाहर ले जाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि वहां मोटी वनस्पति हैं। यह एक कठिन ऑपरेशन है लेकिन हम सभी साधनों, इलेक्ट्रॉनिक साधनों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका विश्लेषण करने के बाद हम विजुअल लुकआउट करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस इलाके की फोटोग्राफी करने के लिए इसरों के उपग्रहों का उपयोग किया जा रहा है। जिसका आगे सर्च ऑपरेशन में उपयोग किया जाएगा। सभी लापता कर्मियों के परिजनों को खोज के कोशिशों के बारे में सूचित कर दिया गया है। हम उनके लगातार संपर्क में हैं।
पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि शाम करीब साढ़े पांच बजे के बाद अरूणाचल प्रदेश में सूर्यास्त होने और सूबे की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सर्च अभियान पर रोक लगा दी जाएगी। लेकिन बाद में वायुसेना प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी की ओर से एक आधिकारिक बयान के जरिए इसे जारी रखने का ऐलान किया गया।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने लापता विमान को लेकर चलाए जा रहे सर्च अभियान के बारे में वायुसेना के उप-प्रमुख एयर मार्शल राकेश भदौरिया से विस्तार में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने कहा कि वह विमान में सवार सभी 13 लोगों की सुरक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
आधे घंटे में टूटा संपर्क
विमान का जोरहाट से उड़ान भरने के बाद वायुसेना के ग्राउंड पर मौजूद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) एजेंसी से मात्र आधे घंटे में करीब 1 बजे अंतिम बार संपर्क हुआ था। इसके बाद से इस विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका।
जब यह विमान अपने निधार्रित स्थल यानि मेचूका एएलजी पर नहीं पहुंचा तब वायुसेना द्वारा इसकी खोज के लिए तुरंत कार्रवाई करते हुए जरूरी कदम उठाने शुरू किए गए। सर्च अभियान में वायुसेना के सी-130जे सुपर हरक्युलिस परिवहन विमान, एएन-32, दो मी-17 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।
इसके अलावा सेना के ध्रुव (एएलएच) हेलिकॉप्टर को भी लापता विमान को ढूंढने के लिए वायुसेना के साथ सम्मिलित किया गया है। कुछ ग्राउंड रिपोर्टस में विमान के क्रैश होने की भी बात कही गई है। इसे जांचने के लिए हेलिकॉप्टरों को उक्त स्थान की ओर भेजा गया है, जिसमें अभी तक कोई मलबा नहीं देखा गया है।
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