उत्तर प्रदेश : वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की अहम बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के दीनदयाल हस्तकला संकुल में 'काशी एक रूप अनेक' कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि काशी में ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है। सबसे पहले मैं अध्यात्म के कुंभ में था। फिर मैं आधुनिकता के कुंभ में गया, बनारस के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। अब मैं एक प्रकार से स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया हूं।
काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं
यहां भांति-भांति के कलाकार, शिल्पकार एक ही छत के नीचे हैं। एक-एक धागे को जोड़कर, मिट्टी के एक-एक कण को घटकर, बेहतरीन निर्माण करने वालों के साथ, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चलाने वाले, एक ही छत के नीचे बैठे हैं। सच में, काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं।
भारत की हमेशा से ही ये शक्ति रही है कि यहां के हर क्षेत्र, हर जिले की पहचान से कोई ना कोई विशेष कला, विशेष आर्ट और विशेष उत्पाद जुड़ा रहा है। ये सदियों से हमारे वहां परंपरा रही है। हमारे कारोबारियों, व्यापारियों ने इसका प्रचार दुनियाभर में किया है।
हजार कलाकारों को टूल किट दिए गए
हमारे पास संसाधनों की और कौशल की कभी कमी नहीं रही है। बस एक व्यापक सोच के साथ काम करने की जरूरत है। जरूरत बस इस कहानी को दुनिया तक पहुंचाने की है। उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन द्वारा पिछले 2 वर्षों में, 30 जिलों के 3500 से ज्यादा शिल्पकारों, बुनकरों को डिजाइन में सहायता दी गई है। क्राफ्ट से जुड़े उत्पादों में सुधार के लिए एक हजार कलाकारों को टूल किट भी दिए गए हैं।
बदलती मांग के अनुसार उत्पादों में जरूरी बदलाव करें
पीएम मोदी ने कहा कि यहां आने से पहले मैं वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट से जुड़ी प्रदर्शनी को भी देखकर आया हूं। यूपी के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों का शानदार कलेक्शन वहां है। वहां दोना-पत्तल बनाने वाले कारीगरों को आधुनिक मशीनें भी दी गईं हैं। उनका आत्मविश्वास देखते ही बन रहा था।
बदलती दुनिया, बदलते समय, बदलती मांग के अनुसार इन उत्पादों में भी जरूरी बदलाव करें। इसके लिए इन पारंपरिक उद्योगों से जुड़े साथियों को ट्रेनिंग, आर्थिक मदद, नई तकनीक और मार्केटिंग की सुविधा देनी बहुत जरूरी है।
कच्चा माल पर एंटी डंपिंक ड्यूटी खत्म
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस बार का जो बजट है, उसने भी सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है। सिर्फ इस साल के लिए नहीं बल्कि आने वाले 5 वर्षों के लिए छोटे और मझोले उद्योगों के विकास का एक खाका खींचा गया है।
टेक्सटाइल के कच्चा माल पर एंटी डंपिंक ड्यूटी को इस बजट खत्म कर दिया गया है। दशकों से टेक्सटाइल से जुड़े लोग इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन हमारी सरकार ने उस काम को पूरा कर दिया है।
लखनऊ में दुनियाभर की डिफेंस कंपनियों ने रुचि दिखाई
इस साल के बजट में, यूपी में बन रहे डिफेंसकॉरिडोर के लिए भी करीब 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हाल ही में लखनऊ में दुनियाभर की डिफेंस कंपनियों ने यहां उद्योग लगाने की रुचि दिखाई, कई कंपनियां समझौते भी कर चुकी हैं।
आज कोशिश ये की जा रही है कि सामान्य जन को और सामान्य कारोबारी को कागजों के, दस्तावेज़ों के बोझ से मुक्त किया जाए। सरकारी प्रक्रियाएं उलझाने के बजाय सुलझाने वाली हों, रास्ता दिखाने वाली हों, इसके लिए काम किया जा रहा है।
देश के लॉजिस्टिक्स में व्यापक बदलाव आया
जीएसटी लागू होने से देश के लॉजिस्टिक्स में व्यापक बदलाव आया है। अब इस बदलाव को और मजबूत किया जा रहा है। देश में पहली बार नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी तैयार की जा रही है। इससे लघु उद्योग और सशक्त होंगे।
देश के Wealth Creators को अनावश्यक परेशानी ना हो, इसके लिए पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर बनाया जा रहा है। इससे टैक्सपेयर के अधिकार तय होंगे। टैक्स कलेक्शन को फेसलेस किया जा रहा है।
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