कच्छ: माधापर नगर में जैन संघ के द्वारा दिनभर हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान

गुजरात के कच्छ जिले के माधापर नगर में जैन संघ के द्वारा एक महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें कई लोगों ने भाग लिया। माधापर नगर में जैनाचार्य श्री पूर्णचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. का चार्तुमास प्रवेश को लेकर प्रसंगोत्सव हुआ।
इस मौके पर यशस्वी पुत्र प.पू.आ देवश्री पूर्णचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. आदिठाणा 6 और साथ में इसी नगर की पुत्री प.पू.सा. श्री चिंतनपूर्णाश्रीजी म.सा. आदिठाणा 3 का चातुर्मास प्रवेश उमंगभेर, हर्षोल्लास के साथ चतुर्विध संघ की उपस्थिति में आयोजित हुआ। इस प्रसंग में सा.श्री. चारुकलाश्रीजी म.सा. ने भी अपनी निश्रा प्रदान की।
यह प्रसंग ढोल, शरणाई, साफाधारी भाईओं, गहुली, कलश धारी बहनों, लाइव रंगोली, ऊंटगाड़ी, पधारों गुरुदेव के बेनर आदि प्रवेशोत्सव में आकर्षक का केंद्र रहा। विविध संघ समाज के होद्देदार, आगेवान भी उपस्थित रहे। स्वागत प्रवचन श्री भूपेन्द भाई शाह और प्रसंगोचित वक्तव्य संघ प्रमुख वसंत भाई मेहता ने किया था और विविध अग्रणीओं ने प्रसंगोचित वक्तव्य भी दिया।
इस प्रसंग में प.पू. आचार्यदेव पूर्णचंद्रसुरी द्वारा लिखित संयम ध रीअल लाइफ श्रेणी अंतर्गत 8 पुस्तकों का विमोचन विविध महानुभावों के शुभ हाथों से किया गया एवं अनुपम कला जैन युवक मंडल आयोजित संस्करण अभियान-7 के स्कोर कार्ड का भी विमोचन हुआ। मंडल के मंत्री श्री मेहुलभाई लोदरीया ने संस्करण अभियान का महत्व समझाया।
गुरुपूजन एवं कामली वहोराने का लाभ श्री देवीचंदजी चेलाजी शाह, किरणभाई गोरेगांव मुंबई वालों ने किया। ग्रंथ वहोराने का लाभ श्री शांतिलाल ऊमरशी पटवा परिवार ने लिया। नवकारशी भक्ति का लाभ मेहता नेमचंद प्रागजी, शाह हिरालाल गुलालचंद, पटवा शांतिलाल ऊमरशी और मेहता चत्रभुज लवजी परिवार ने लिया। माधापर सकल जैन संघ के अग्रणी हितेशभाई खंडोर ने भी गुरु बहुमानपूर्वक वक्तव्य किया
प.पू. आचार्य भगवंत ने अपनी मार्मिक शैली में चार्तुमास का महत्व समझाकर तन-मन-धन से आराधना मैं जुड़कर पुण्य उपार्जन करने की प्रेरणा दी। मुनि भगवंतोए प्रवचन में चार्तुमास का विशेष लाभ लेकर हर अनुष्ठान में जुड़ने की प्रेरणा दी। चार्तुमास दरम्यान साधर्मिक भक्ति के मुख्यदाता का लाभ वोरा नाना लाल बेचरलाल परिवार ने लिया। वहीं आभार विधि श्री अश्विन भाई लोदरीया और कार्यक्रम का संचालन श्री अल्पेश भाई मेहताने अपनी आगवी शैली में किया। आयोजन को सफल बनाने के लिए संघ के युवा कार्यकर्ताओं ने इसका पूरा जिम्मा अपने ऊपर उठाया और इसे सफल बनाने में मदद की थी।
चातुर्मास शुभ स्थल : जैन आराधना भवन, नवावास, माधापर ( ता: भुज, कच्छ, गुजरात )
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