हवाई जहाज से कोरोना मरीजों को ले जाते समय नहीं रहेगा संक्रमण का खतरा, अर्पित को किया गया शामिल

हवाई जहाज से कोरोना मरीजों को ले जाते समय नहीं रहेगा संक्रमण का खतरा,  अर्पित को किया गया शामिल
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपील में भागीदारी करते हुए सोमवार को कोरोना के मरीजों को हवाई मार्ग से लाने ले जाने के लिए बनाए गए एयरबॉर्न रैस्क्यु पॉड फॉर आईशोलटेड ट्रांसपोटेशन (अर्पित) को वायुसेना में शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपील में भागीदारी करते हुए सोमवार को कोरोना के मरीजों को हवाई मार्ग से लाने ले जाने के लिए बनाए गए एयरबॉर्न रैस्क्यु पॉड फॉर आईशोलटेड ट्रांसपोटेशन (अर्पित) को वायुसेना में शामिल किया गया है।

इसकी मदद से दुर्गम ऊंचाई वाले और सुदूरवर्ती स्थानों से कोविड-19 के शिकार गंभीर मरीजों को आसानी से अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है। वायुसेना के मुताबिक यह सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी मेटीरियल से बना हुआ है।

इसकी खास बात यह है कि यह एक ऐसे बॉक्स के आकार का है, जिसमें मरीज को रखने के बाद हवाई यात्रा में उसके साथ शामिल एयर-क्रू और अन्य लोगों को संक्रमण का कोई खतरा नहीं रहेगा। अभी वायुसेना में 7 अर्पित को शामिल किया गया है।

घटेगी आयात पर निर्भरता

इस पॉड की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि कोरोना के किसी मरीज को हवाई मार्ग से लाते वक्त अन्य लोगों में भी संक्रमण का खतरा रहता था। इसे ध्यान में रखते हुए वायुसेना के बेस रिपेयर डिपो-3 ने इसके पहले प्रोटोटाइप को सबसे पहले तैयार किया और उसके बाद इसमें कई तरह के बदलाव के बाद इसे अंतिम मंजूरी दी गई। इसे बनाने में 60 हजार रूपए का खर्च आया है जो कि इसी तरह के आयातित सिस्टम की मौजूदा 60 लाख रूपए की बाजार कीमत से काफी कम है।

पारदर्शी ग्लास से युक्त

इस पॉड को हाई एफिसिएंसी पर्टिक्यूलेट एयर (एचईपीए) एच-13 क्लास फिल्टर्स से तैयार किया गया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर भी लगा हुआ है। इससे मेडिकल टीम मरीज के हेल्थ पेरामीटर्स की यात्रा के दौरान सीधी निगरानी कर सकती है। साथ ही यह पॉड लाइफ सर्पोट उपकरणों जैसे मल्टीपैरा मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्युजन पंम्स, लॉंग ऑर्म ग्लब्स, पावर पैक्स से भी पूरी तरह से युक्त है।

सुरक्षा कवच

मरीज के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों को भी एक पूर्ण सुरक्षा कवच मिलता है। वायुसेना ने इसका डिजाइन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हास्पीटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, यूएसए द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के हिसाब से बनाया है।

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