Independence Day 2020: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान, अब दुश्मनों को देंगे मुंहतोड़ जवाब

Independence Day 2020: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान, अब दुश्मनों को देंगे मुंहतोड़ जवाब
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Independence Day 2020: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले हम केवल आत्मरक्षा करने के लिए शस्त्र उठाते थे। लेकिन अब हम दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

Independence Day 2020: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले हम केवल आत्मरक्षा करने के लिए शस्त्र उठाते थे। लेकिन अब हम दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

गलवान घाटी के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज मैं गलवान में बलिदान देने वाले सैनिकों को विशेष रूप से स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। यह देश उनकी बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नही सकता। मैं उनके परिवारों को भरोसा देना चाहता हूँ कि वे लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं, अत: मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपका मनोबल ऊंचा बनाये रखने और आपकी Operational Requirement को पूरा करने के लिए वह सब कर रही है जो जरूरी है।

देंगे मुंहतोड़ जवाब

उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने दूसरे देश की जमीन पर कब्जा करने के लिए आज तक कहीं भी और कभी भी हमला नहीं किया है। भारतवर्ष जमीन नहीं दिल जीतने में विश्वास रखता है। परंतु इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान के ऊपर आंच आने देंगे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, दूसरों पर हमला करने के लिए नहीं। दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हर बार की तरह हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे।

सीडीएस का गठन ऐतिहासिक

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा के क्षेत्र में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस को लालकिला की प्राचीर से CDS के गठन की ऐतिहासिक घोषणा की। CDS के गठन से सेनाओं के बीच और बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया गया है। इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।

विमानों की थी कमी

उन्होंने कहा कि आपको याद होगा लम्बे समय से भारतीय वायुसेना में नए आधुनिक लडाकू विमानों की कमी महसूस की जा रही थी। हमारी सरकार आते ही आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट अग्रीमेंट कर 36 राफेल यथाशीघ्र मंगाने का काम शुरू किया।

खुशी की बात यह है कि राफेल के खेप आने शुरू हो गए हैं। दो सप्ताह पहले पांच राफेल विमान अम्बाला एयर बेस पर पहुंचे। बाकी के भी शीघ्र ही आने वाले हैं। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त तमिलनाडु के तंजावुर में सुखोई MKI का 222 स्क्वाड्रन खड़ा किया गया है जो ब्रह्मोस मिसाइल से सुसज्जित है।इससे हिन्द महासागर में हमें Strategic Depth मिलती है।

मई 2020 को वायु सेना स्टेशन सलूर के 18वें स्क्वाड्रन को एलसीए तेजस के दूसरे खेमे के माध्यम से Revive किया गया है। यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया एक बड़ा कदम है। साथ ही वायु सेना की क्षमता को और प्रबल बनाने के लिए 21 मिग 29 विमान खरीदने की भी मंजूरी दी गई है।

सशस्त्र बलों ने निभाई है भूमिका

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने हमेशा समय-समय पर देश में किसी भी तरह की आपदा के समय निर्णायक भूमिका निभायी है। वर्ष 2020 इतिहास के पन्नों में कोविड-19 वर्ष के रूप में जाना जायेगा। इस महामारी से पूरा विश्व जैसे थम सा गया है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा हैं।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने हमेशा समय-समय पर देश में किसी भी तरह की आपदा के समय निर्णायक भूमिका निभायी है। वर्ष 2020 इतिहास के पन्नों में कोविड-19 वर्ष के रूप में जाना जायेगा। इस महामारी से पूरा विश्व जैसे थम सा गया है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा हैं।

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सक्रिय

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय एवं इसके विभिन्न अंगों अर्थात सशस्त्र बलों, AFMS, DRDO, DPSUs, OFB , छावनी परिषद, भूतपूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड, राष्ट्रीय कैडेट कोर तथा मंत्रालय की अन्य स्वायत्त इकाइयां कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रारम्भ से ही सक्रिय रही हैं।

संकट काल में सशस्त्र बलों ने जो सेवा कार्य किया है वह हमें गर्व से भर देता है। DRDO ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सशस्त्र बलों, और उद्योग समूहों के साथ मिलकर नई दिल्ली में सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल12 दिन के रिकॉर्ड समय में निर्माण किया गया।

सीमा सड़क संगठन के कर्मी भी बधाई के पात्र

उन्होंने कहा कि साथियों, Border Road Organization यानि सीमा सड़क संगठन के कर्मी भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अत्यंत दुर्गम परिस्थितिओं में भी कैलाश-मानसरोवर यात्रा और सीमा क्षेत्र कनेक्टिविटी स्थापित कर नए युग की शुरुआत की।

उन्होंने उत्तराखंड के धारचूला से सीमा रेखा तक 6,000 से 17,060 फीट की ऊँचाई पर 80 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है जिसका मई महीने में मुझे उद्घाटन करने का अवसर मिला।

इस महत्वपूर्ण Road Connectivity के पूरा होने के साथ ही स्थानीय लोगों एवं तीर्थयात्रियों के दशकों पुराने सपने और आकांक्षाएं पूरी हुई हैं। संपर्क सड़क के पूरा होने से यह मानसरोवर यात्रा एक सप्ताह में पूरी हो सकती है जिसे पूरा करने में पहले 2-3 सप्ताह लग जाया करते थे।

अटल सुरंग दिया गया था नाम

उन्होंने कहा कि पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनके जन्मदिन पर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग सुरंग का नाम 'अटल सुरंग' कर दिया। इस 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग के सितंबर 2020 तक पूरी होने की संभावना है। इसके बनने से मनाली और लेह के बीच सड़क मार्ग की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और लाहौल एवं स्पीति के बीच बारह महीने सड़क मार्ग खुला रहेगा।

सशस्त्र बलों में महिलाओं का सशक्तिकरण पिछले पांच वर्षों में एक प्रमुख फोकस रहा है। प्रधान मंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के स्थायी कमीशन के विचार का हमेशा समर्थन किया है और 2018 के अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान उन्होंने इस आशय की घोषणा भी की थी।

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