Independence Day 2020: मां ने बनवायी शहीद बेटे की मूर्ति, जीवित बेटे की तरह करती है प्यार

जिले के बॉर्डर पर स्थित पेरवांरा गांव में शहीद बसील टोप्पो की मां साफियामा टोप्पो की ममता ने अपने शहीद बेटे की प्रतिमा स्थापित कर दिया और रोज सुबह-शाम उसे अपने जीवित बेटे जैसा प्यार-दुलार करती है और उसका पूरा ख्याल भी रखती है।
मां से दूर रहकर भी शहीद बेटा अपनी मां के बेहद करीब है। ममता की पराकाष्ठा ने आज भी मां के दिल में अपने शहीद बेटे को जीवंत बनाकर रखा है। जशपुर जिले के अन्तिम छोर में उड़ीसा की सीमा पर बसा गांव पेरवांरा, जहां शहीद बसील टोप्पो का घर है।
यहां उसके माता-पिता अपने बेटे की यादों के सहारे रहते हैं। शहीद बसील वर्ष 2011 में बस्तर के जिला पुलिस बल में तैनात था। वहां नक्सल घटना में वे शहीद हो ग। इस घटना के बाद शहीद की मां का बुरा हाल था, बार-बार वह अपने बेटे को याद करके सिसक-सिसक कर रोती रहती थी।
बेटे के अंतिम संस्कार के बाद मां ने शहीद के पिता से अपने बेटे की प्रतिमा स्थापित करने की बात कही। जिसके बाद उड़ीसा व कलकत्ता के कलाकारों द्वारा शहीद बसील टोप्पो की आदमकद प्रतिमा तैयार कर गांव में स्थापित की गई। मां की ममता इस कदर हावी थी कि उसने अपने बेटे बसील टोप्पो के शहादत को जीवंत रखने अपने आदमकद प्रतिमा स्थापित करवाई और उसी प्यार और दुलार से अपने बेटे के आदमकद प्रतिमा पर ममता लुटाने लगी।
नक्सल विस्फोट में शहीद
बसील की पोस्टिंग बीजापुर के भद्रकाली पुलिस थाने में थी। अगस्त 2011 में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग से इनके वाहन को उड़ा दिया था और इनपर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस नक्सली हमले में बसील टोप्पो शहीद हो गए थे।
ऐसा जज्बा
मां की ममता ऐसी है जैसे आज भी उसका बेटा जिंदा है और वह अपने बेटे को प्यार कर रही है। मां को पता है कि उसका बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा इसके बावजूद ममता को एहसास ऐसा है कि दूर जाकर भी मां का शहीद बेटा आज भी करीब है। एक मां ने अपने बेटे की आदमकद प्रतिमा स्थापित कर ममता की अनोखी मिसाल पेश की है।
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