Independence Day Satire Speech : स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी का सबसे बेस्ट व्यंग्य भाषण

उसकी सबसे बड़ी बीमारी यही है कि जब उसे जरूरत हो तभी फोन करता है। जियो के बरसात की तरह बातें करने का मौका देने के बाद भी। वरना फोन स्विच ऑफ ही रखता है। कितनी बार उसे कहा भी कि फोन आपसी दु:ख दर्द बांटने के लिए होता है, केवल और केवल अपना सुख दु:ख बताने के लिए नहीं। सुबह सुबह उसका फिर फोन आया। झाड़ू देते देते ज्यों ही उसकी कॉल अटेंड की तो उसने पूछा,' और भैये! फिर क्या प्लान है?'
'बंधु आज छुट्टी है न! बीवी छह दिन की सारी कसर निकाल कर रहेगी। ऑफिस में जो छह दिन बदन पर चर्बी चढ़ाई थी कुर्सी पर पसर-पसरकर, अब वह पूरी पिघल जाएगी। होता रहूं ऑफिस में माचिस की तिल्ली। घर में तो भीगी बनकर ही रहना होगा, जो चैन से जीना होगा,' मैंने झाड़ू देते-देते कंधे से फोन सटा उससे अपनी बार-बार कही व्यथा कही तो उसने दूसरी ओर से ठहाका लगाते पूछा, अरे! आज का नहीं। पंद्रह अगस्त के बारे में पूछ रहा हूं। उस दिन क्या खास करने की सोची है?
मैं तो सोच रहा हूं कि क्यों न उस दिन हम पांचों गुलाम कहीं का ट्रिप ही बना लें। लगे कि हम भी आजाद देश के पति हैं। वैसे दोस्त!आजाद देश के गुलाम शादीशुदा पतियों को साल में कम से कम एक दिन तो आजाद हो ही जाना चाहिए। आजादी पर एक दिन का हक तो हमारा भी बनता है न! अब तो धारा तीन सौ सहत्तर भी खत्म हो गई। बाकी के तो तीन सौ पैंसठ दिन बीवियों की आजादी के दिन होते हैं। बंदे ने इतने जोश में कहा जैसे पंद्रह अगस्त को अबके देश को प्रधानमंत्री नहीं, वह संबोधित करने जा रहा हो।
वह तो कश्मीर की हुई है। अपने घर तो सोए-सोए भी क्फर्यू ही लगा रहता है। जो तुम कह रहे हो सो तो ठीक है पर। इतने में बीवी भांप गई थी कि कोई मुझे बहकाने की कोशिश कर रहा है सो राफेल होती बोली, किसका फोन है? देख रही हूं आजकल तुम छुट्टी वाले दिन घर के काम पर कम फोन पर अधिक कनस्ट्रेट करने लगे हो। कहे देती हूं कि ये जो तुमरा दिमाग खराब करने में जुटे हैं, एक दिन तुम्हें बर्बाद करके ही दम लेंगे।
पर मैंने दुस्साहस कर अपनी बात जारी रखते बीवी से कहा, देखो ! मैं जो सुनूं, सो सुनूं पर घर का काम तो बराबर कर रहा हूं न! ज्यादा तंग किया तो पुरुषाधिकार आयोग में अर्जी डाल दूंगा। माना, मैंने तुमसे निकाह कर कभी न मुक्त होने वाला गुनाह कर लिया है, पर अब कम से कम पंद्रह अगस्त के आसपास तो जरा आजादी की सांस लेने दिया करो ताकि मुझे इतना तो आभास हो कि मैं आजाद देश का परमानेंट गुलाम नागरिक हूं, हां यार! बोल क्या कह रहा था तू?
तो मैं कह रहा था कि पंद्रह अगस्त को क्या प्रोग्राम बनाने की सोची है तूने? क्या करूंगा यार! रोज की तरह सुबह छह बजे उठूंगा। फिर बीवी को चाय बनाऊंगा। फिर रोज की तरह घर की सफाई करूंगा, फिर ब्रेक फास्ट बनाऊंगा। उसके बाद लंच की तैयारी और फिर वहीं दिनभर वाले काम। तो क्यों न अबके बीवियों के सारे बंधन तोड़ ऐसा करते हैं कि लालकिले से प्रधानमंत्री का आजाद देश के भूख भय गरीबी बेरोजगारी के गुलामों के लिए दिया भाषण ही सुन आते हैं।
शायद हमें भी अपने अंदर तनिक आजादी फील हो। अपनी किस्मत में यार कहां ये सब यार? अपनी किस्मत में तो जैसे बस कुर्सी पर तनकर बैठी बीवी का भाषण ही सुनना लिखा है। मैंने सीना चौड़ाकर सिसकते सिसकते कहा तो वह गुस्साया, देख, तेरे में सबसे बड़ी कमी यही है कि तू सब कुछ कर सकता है पर बीवी के खिलाफ विद्रोह नहीं कर सकता।'धीरे बोल धीरे! मरवाना है क्या? बीवी ने सुन लिया न तो मेरी तो मेरी, तेरी भी खाट खड़ी कर रख देगी।
डरता होगा तू बीवी से जो डरता होगा। मैं अपनी तो अपनी, दूसरों की बीवियों से भी नहीं डरता, मुझे लग गया था कि आज घर में उसकी बीवी नहीं है। तभी इस तरह सीना चौड़ा कर बहक रहा है। सो अपने शक की पुष्टि करने के लिए उससे गोल मोल कर पूछ ही लिया, घर में अकेले हो क्या? हां! पर क्यों? वह सहमा सा। भाभी कहां हैं? मायके गई हैं। तभी तो मैं सोचूं कि तुम्हारे दिमाग में पंद्रह अगस्त मनाने का गंदा आइडिया आया कैसे? कब तक है मायके? सोलह अगस्त को आएगी, उसने डरते-डरते यों कहा ज्यों बारह के बाद सीधे सोलह आते हों और फोन काट दिया।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Tags
- Independence Day
- Independence Day Satire
- Independence Day 2019
- Happy Independence Day
- Happy Independence Day 2019
- Independence Day Shayari
- Happy Independence Day Shayari
- Independence Day Quotes
- Independence Day Wishes
- Independence Day Massage
- 15 August
- 15 August 2019
- Swatantrata Diwas 2019
- 15 August Shayari
- 15 August 2019 Shayari
- Swatantrata Diwas 2019 Shayari
- Independence Day Video Status
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS