विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, हमारे 400 से अधिक विकास परियोजनाओं से अफगानिस्तान का कोई भी हिस्सा अछूता नहीं

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोहा में अफगान शांति वार्ता पर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि माना जाता है कि शांति प्रक्रिया अफगान के नेतृत्व वाली, स्वामित्व वाली व अफगान-नियंत्रित होनी चाहिए, इसे अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।
हमारे दोस्ती अफगानिस्तान के साथ हमारे इतिहास का प्रमाण है। हमारे 400 से अधिक विकास परियोजनाओं से अफगानिस्तान का कोई भी हिस्सा अछूता नहीं है। विश्वास है कि यह सभ्यतागत (civilizational) संबंध बढ़ता रहेगा।
इसका अलावा भारतीय विदेश मंत्री एस जसशंकर ने यह भी अफगानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। साथ ही मानव अधिकारों और लोकतंत्र को बढ़ावा देना चाहिए। एस जयशंकर ने अपनी बात रखते हुए कहा, भारत ये अपेक्षा करता है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी हाल में भारत के खिलाफ नहीं किया जाना चाहिए।
दोहा में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान), जे पी सिंह, समारोह के गवाह बने. सिंह, जिन्होंने अफगानिस्तान में प्रथम सचिव (राजनीतिक) और पाकिस्तान में उप उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया है. वह तीन देशों – पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के साथ भारत के संबंधों पर सरकार के मुख्य व्यक्ति हैं। बता दें कि भारत ने 29 फरवरी को यूएस-तालिबान समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
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