भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच डिफेंस और टेक्नोलॉजी समेत इन 7 समझौतों पर लगी मुहर

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्चुअल समिति की एक बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन मौजूद रहे। जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्चुअल समेट में रक्षा एवं टेक्नोलॉजी के समेत सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं और साथ ही दो महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करने का ये सबसे सही समय है। मॉरिसन ने भी कहा कि ऐसा ही होगा।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए यह 7 समझौते
1. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच स्ट्रैटजिक पार्टरनशिप पर सहमति बन गई है।
2. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच इंडो-पैसिफिक में मैरीटाइम (समुद्री) सहयोग पर करार हो गया है। एक संयुक्त बयान जारी कर इसकी घोषणा की।
3. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच साइबर और साइबर एनेबल्ड क्रिटिकल टेक्नोलॉजी सहयोग कर करार हो गया है। दोनों देश एक दूसरे का सहयोग करेंगे।
4. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच माइनिंग, क्रिटिकल मिनरल्स की प्रोसेसिंग के फील्ड में सहयोग को लेकर सहमति बन गई है।
5. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच म्यूचुअल लॉजिस्टिक सपोर्ट के इंतजाम संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर हो गए हैं।
6. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच डिफेंस साइंस और टेक्नोलॉजी में सहयोग के लिए दस्तावेज साइन पर हस्ताक्षर हो गए हैं। अब दोनों देश मिलकर काम करेंगे।
7. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और गवर्नेंस रिफॉर्म के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता हो गया है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए वर्चुअल समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे नागरिकों की अपेक्षाएं बढ़ गई है और इसको देखते हुए हम दोनों देशों को एक दूसरे के सहयोग से रक्षा टेक्नोलॉजी समेत अन्य चीजों पर भी सहयोग कर आगे बढ़ना चाहिए।
यह सिर्फ दोनों देशों के लिए नहीं बल्कि पूरे इंडो पैसिफिक क्षेत्र के लिए जरूरी है साथ ही उन्होंने दुनिया को कोरोना महामारी से निकालने के लिए कॉर्डिनेटिव अप्रोच की जरूरत है। भारत ने इसे मौका माना है। हमने बड़े स्तर पर रिफार्म प्रोसेस शुरू की है। जल्द इसके नतीजे सामने आएंगे।
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरिसन की तारीफ की और कहा कि कोरोना संकट में आपने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय समुदाय और छात्रों का जिस तरह से ध्यान रखा उसके लिए मैं आभारी हूं। इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि भारत आकर आपसे गले मिलने और अपने समूह से शेयर करने का मन था। अगली बार जब आए आए तो गुजराती खिचड़ी जरूर खाकर जाएं।
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