भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया, जानें कारण

भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया, जानें कारण
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मिस्र (Egypt) ने भारत से गेहूं के इम्पोर्ट (import) को मंजूरी दी है। दुनिया में बढ़ती मांग को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में गेहूं का निर्यात 100 लाख टन पार कर जाएगा।

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना (Notification) जारी की है। जिसमें बताया गया है कि भारत (India) ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिसूचना के अनुसार, देश में गेहूं (Wheat) की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, जिस वजह से स्थानीय कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार (Government) के द्वारा यह कदम उठाया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि पहले जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट (letter of credit) के लिए गेहूं के शिपमेंट की इजाजत रहेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष फरवरी महा के अंत में रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) हमला कर दिया। जिसके बाद काला सागर क्षेत्र से निर्यात गिरने के बाद दुनियाभर (Whole world) के खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत (India) पहुंच रहे थे। बीते महीने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि भारतीय किसान दुनिया के पेट भर रहे हैं।

मिस्र (Egypt) ने भारत से गेहूं के इम्पोर्ट (import) को मंजूरी दी है। दुनिया में बढ़ती मांग को देखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में गेहूं का निर्यात 100 लाख टन पार कर जाएगा। अब देश में हालात बदल गए हैं। एमएसपी (MSP) से ज्यादा कीमत में गेहूं की खरीद और पैदावार में कमी की वजह सरकारी खरीद प्रभावित हुई है। सरकार ने अब गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। आपको बता दें कि इन दिनों बाजार में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) से अधिक कीमत पर बिक रहा है।

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