India-Canada Relationship: 'खालिस्तानी आतंकियों को पनाह दे रहा कनाडा', PM ट्रूडो के बयान पर भारत का जवाब

India Canada Relationship: भारत ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या को लेकर उसके खिलाफ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के आरोपों पर जवाब दिया है। भारत ने आज गुरुवार को कनाडा (Canada) सरकार पर आतंकवादियों को पनाहगाह देने का आरोप लगाया।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया को जानकारी दी और कहा कि बड़ा मुद्दा आतंकवाद, आतंक-वित्तपोषण और विदेशों में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने का है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को हमारे पश्चिमी पड़ोसी पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित और समर्थित किया जा रहा है, लेकिन सुरक्षित पनाहगाह और संचालन के लिए स्थान कनाडा सहित विदेशों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कनाडाई सरकार आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया न कराए और जो लोग आतंकवाद के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करें या उन्हें आरोपों का सामना करने के लिए यहां भेजें। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कम से कम 20-25 व्यक्तियों के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन कनाडा की प्रतिक्रिया बिल्कुल भी मददगार नहीं रही है।
इस वजह से बढ़ा विवाद
इस साल 18 जून में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। वह शहर में अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख व्यक्ति था। एसएफजे ने इस हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। इसके बाद कनाडा ने इस मामले में जांच शुरू की थी, लेकिन जांच पूरी होने से पहले ही पीएम ट्रूडो ने भारत को अपनी संसद के भीतर जिम्मेदार ठहरा दिया था। साथ ही, भारत के राजदूत को भी निष्कासित कर दिया था।
भारत ने भी पलटवार करते हुए बीते मंगलवार को कनाडाई डिप्लोमैट को भी निष्कासित कर दिया था और पांच दिन के भीतर देश छोड़ने को कहा था। इसके बाद ट्रूडो ने अपने जवाब में कहा था कि वो भारत से किसी तरह का विवाद नहीं चाहता है, लेकिन यह गंभीर मामला है और भारत को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। हालांकि ट्रूडो के इस बयान के बाद से ही भारतीय हिंदुओं को जान से मारने की धमकियां मिलने लगी और एडवाइजरी भी जारी कर दी गई, जिसके चलते भारत को भी कड़े कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा है।
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