भारत चीन सीमा विवाद पर राहत: दोनों देश पूरी तरह से सेना हटाने के लिए पक्ष में, लेकिन निगरानी करनी जरुरी

भारत चीन सीमा विवाद पर राहत: दोनों देश पूरी तरह से सेना हटाने के लिए पक्ष में, लेकिन निगरानी करनी जरुरी
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भारत चीन के बीच चली बैठक के बाद सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें कहा गया कि दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने के लिए तैयार है।

भारत के कड़े रवैया के बाद सीमा पर चीन के तेवर नरम पड़ते दिख रहे हैं। भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के कोर कमांडरों की बैठक 15 घंटे चली। इस बैठक में कहा गया कि पूर्वी लद्दाख से सेना के पीछे हटाने की प्रक्रिया बहुत ही पेचीदा है। लेकिन इस दौरान पूरी तरह से निगरानी रखनी जरूरी होगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत चीन के बीच चली बैठक के बाद सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें कहा गया कि दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने के लिए तैयार है। चाहे राजनयिक हो या फिर मिलिट्री लेवल दोनों पर संपर्क किया जा रहा है। अब तक भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों की तीन बैठक हो चुकी है और इस चौथी बैठक थी।

सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों देश सेना हटाने के पक्ष में है। वहीं दूसरी तरफ लद्दाख से सेनाओं को हटाना बहुत मुश्किल हैं। लेकिन इस पर लगातार निगरानी रखनी जरूरी है। सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार राजनयिक और सेना दोनों स्तरों पर लगातार बैठक कर तनाव को कम करने की कोशिश कर रही है।

सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत और चीन के बीच बीती 14 जुलाई को शूचुर में चौथी बैठक हुई थी। जिसमें भारत और चीन सेना के कोर कमांडर तैनात थे। इस दौरान सेनाओं को पूरी तरह से पीछे हटाने को लेकर सहमति बनी।

सेना ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों ने चरणों के अंतर्गत सेना को हटाने की प्रक्रिया की समीक्षा की है। अभी भारत और चीन सीमा पर 2 किलोमीटर पीछे दोनों देशों की सेनाएं हट गई है। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं को पूरी तरह पीछे हटाने को लेकर चर्चा भी हुई।

भारत चीन के बीच यह एरिया बना हुआ है तनाव की जड़

जानकारी के लिए बता दें कि भारत और चीन के बीच भले ही चौथी बैठक हो चुकी हो। लेकिन अभी भी चीन फिंगर इलाके से पूरी तरह से पीछे हटने को तैयार नहीं है। यह विवादित इलाका है। जिससे चीन हटने को तैयार नहीं है। एलएसी पर अप्रैल और मई की जैसी स्थिति की मांग की।

राजनाथ सिंह का दौरा

जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे लेह के दौर पर जाएंगे। रक्षा मंत्री सेना के बड़े अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग भी कर सकते हैं। जहां वह पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए तनाव को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे और हालात का जायजा लेंगे।

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