भारत-चीन सीमा विवाद: घायल जवान सुरेंद्र सिंह ने किया खुलासा, चीन ने ऐसे दिया था अपने धोखे को अंजाम

भारत-चीन सीमा विवाद: घायल जवान सुरेंद्र सिंह ने किया खुलासा, चीन ने ऐसे दिया था अपने धोखे को अंजाम
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भारत-चीन सीमा विवाद: सुरेंद्र सिंह ने कहा कि चीनी सैनिकों की संख्या 1000 से ज्यादा थी और उसकी तुलना में सीमा पर करीब 200 भारतीय सैनिक ही मौजूद थे। भारतीय सैनिकों ने अपनी पूरी शक्ति से हमले का जवाब दिया।

भारत-चीन सीमा विवाद: लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन में हिंसक झड़प हुआ। इस झड़प में घायल हुए जवान सुरेंद्र सिंह को होश आ गया है। उन्होंने बताया कि कैसे चीन ने इस पूरी प्लानिंग को अंजाम दिया। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन के धोखे की पूरी दास्तान हमारे सामने आई है।

भारतीय सेना नहीं है किसी से कम

सुरेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय सैनिकों में इतना बल और आत्मशक्ति है कि वो किसी भी दुश्मन का सिर तिरंगे के सामने झुका सकते हैं। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों की संख्या 1000 से ज्यादा थी और उसकी तुलना में सीमा पर करीब 200 भारतीय सैनिक ही मौजूद थे। भारतीय सैनिकों ने अपनी पूरी शक्ति से हमले का जवाब दिया। अगर चीन ने धोखा नहीं दिया होता, तो भारतीय सैनिक चीन को अच्छा सबक सिखाने के लिए पूरी तरह से सक्षम थे।

चीन ने दिया था धोखा

सुरेंद्र सिंह ने कहा कि चीन ने गलवान नदी के उस किनारे पर अचानक से हमला बोल दिया था, जहां सिर्फ एक आदमी के निकलने की जगह थी। ऐसा लग रहा था कि वो पहले से ही मन बनाकर आए थे। ऐसी जगह पर अचानक से हमला करने के कारण भारतीय सैनिकों को संभलने तक की जगह नहीं मिली।

4 से 5 घंटे तक चला संघर्ष

सुरेंद्र सिंह ने कहा कि यह पूरा संघर्ष 4 से 5 घंटे तक चला। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी का पानी इतना ठंडा था कि ऐसा लग रहा था कि हड्डी तक गल जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने बिना रुके चीन के हर प्रहार का जवाब दिया।

सिर में चोट लगने से घायल हुए थे सुरेंद्र सिंह

सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पानी की गहराई 5 फुट के करीब थी। फिर अचानक से संघर्ष के दौरान ही उनके सिर में चोट लग गई और वो बुरी तरह से घायल हो गए। साथी जवानों ने उन्हें पानी से निकाला। उन्होंने कहा कि पानी से निकलने के बाद वो बेहोश हो गए। उसके बाद हॉस्पीटल में 12 घंटे के बाद उन्हें होश आया।

राजस्थान के हैं सुरेंद्र

जवान सुरेंद्र सिह राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा गांव के रहने वाले हैं। उनके घरवालों को जब उनकी घायल अवस्था के बारे में पता लगा तो वो लोग काफी परेशान हो गए। फिर जब फोन पर उन्होंने अपने परिवार से बात की, तब उनलोगों की परेशानी दूर हुई। उनके घर में उनके माता-पिता, भाई, पत्नी और बच्चे हैं।

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