भारत-चीन तनाव के कारण सस्ते मोबाइल फोन बाजार से हुए गायब

भारत-चीन तनाव के चलते मार्केट से कम कीमत की मोबाइल सेट पूरी तरह से गायब हो गए हैं। साथ ही मोबाइल बिगड़ने पर पार्ट्स नहीं मिलने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बाजार से सस्ते मोबाइल सेट गायब होने की वजह से बाजार में मोबाइल खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या 20 से 30 प्रतिशत प्रभावित हुआ है। मोबाइल दुकान संचालकों के सस्ते मोबाइल खरीदने वालों की संख्या 35 से 40 प्रतिशत है। बाजार में सस्ते दर के मोबाइल सेट कब आएंगे, इस पर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
मोबाइल दुकान संचालकों के अनुसार बाजार में वर्तमान में कम कीमत की किसी भी कंपनी के मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध नहीं हैं। बाजार में वर्तमान में आठ साढ़े आठ हजार रुपए रेंज या उससे ज्यादा कीमत के मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध हैं। दुकान संचालकों के अनुसार मुंबई और दिल्ली में मोबाइल एसेसरीज मिलने के साथ असेंबल होता है। कोरोना संक्रमण के चलते मुंबई में मोबाइल असेंबल का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। साथ ही ऑनलाइन बाजार पर भी फर्क पड़ा है। इस वजह से भी लोगों को सस्ता मोबाइल नहीं मिल पा रहा।
तनाव की वजह से आपूर्ति प्रभावित
दुकान संचालकों के अनुसार मोबाइल के 60 प्रतिशत पार्ट्स चीन से आयात होते हैं। भारत-चीन तनाव के वजह से मोबाइल पार्ट्स की जितनी मात्रा में आपूर्ति होनी चाहिए, उस मात्रा में आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस वजह से लोगों को सस्ते कीमत के मोबाइल नहीं मिल पा रहे।
सीमित कर्मचारी काम कर रहे
मुंबई में मोबाइल से लेकर सभी सेक्टरों में कोरोना संक्रमण के चलते सीमित संख्या में कर्मचारियों को काम पर बुलाया जा रहा है। इस वजह से जिन कंपनियों के पास मोबाइल पार्ट्स का पर्याप्त स्टॉक है, वे भी जरूरत के मुताबिक नए हैंड सेट असेंबल नहीं कर पा रहे। इस वजह से भी बाजार में सस्ते मोबाइल नहीं मिल पा रहे।
जीएसटी बढ़ने से मोबाइल महंगे
मोबाइल पर जीएसटी की दर 12 से 18 प्रतिशत बढ़ा दी गई है। इस वजह से पूर्व में सात हजार रुपए में मिलने वाले मोबाइल हैंडसेट की कीमत आठ हजार रुपए से ज्यादा हो गई है। इस वजह से मीडियम रेंज के मोबाइल की कीमत में इजाफा हुआ है। दुकान संचालकों के अनुसार लॉकडाउन होने की वजह से लोगों के पास वर्तमान में पैसे नहीं है। इस वजह से ज्यादातर लोग सस्ते हैंडसेट लेना चाहते हैं।
वर्चुअल पढ़ाई प्रभावित
कोरोना संक्रमण रोकने छोटे-बढ़े सभी स्कूल बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। वर्चुअल पढ़ाई करने पुराने मॉडल के मोबाइल में नए एसेसरीज लगाने के बाद ही बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। सस्ते मोबाइल तथा एसेसरीज नहीं मिलने की वजह से कई बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित हो रहे हैं।
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