भारत-चीन युद्ध की दस्तक, सीमा सुरक्षा को लेकर दोनों देशों ने चलाई गोलियां

भारत-चीन युद्ध की दस्तक, सीमा सुरक्षा को लेकर दोनों देशों ने चलाई गोलियां
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भारत-चीन सीमा पर लंबे समय से गोलियां नहीं चली थी बीते दिन करीब 45 सालों बाद गोलियां चली है 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे।

भारत-चीन सीमाओं में पिछले कई महीनों से तनाव का माहौल बना हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं आमने-सामने है। हालात ये बन चुके है कि भारत और चीन की सेना एक दूसरे के फायरिंग रेंज में आ चुके है। ऐसे में किसी एक देश की गलती बड़े युद्ध को बुलावा दे सकती है। वहीं लद्दाख के पैंगॉन्ग झील के पास भारत और चीन के बीच गोलीबारी की बाते सामने आ रही है। जिसका दावा चीनी सेना के प्रवक्ता ने की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने बीते दिन हमारे क्षेत्र में घुसने की कोशिश की है और एलएसी पार के बाद हवा में गोलियां भी चलाई है। उन्होंने आगे कहा कि जब चीनी सैनिकों ने उन्हें एलएसी पार न करने को कहा कि तो भारतीय सेना ने हम पर आगे नहीं बढ़ने दिया। हालांकि भारतीय सेना की तरफ से अभी इसके ऊपर कोई बयान नहीं आया है। लेकिन पूरी दुनिया ये जानती है कि चीन ही हर समय छूट बोलता आया है, चाहे वह गलवान की बात हो या काला टॉप।


फिलहाल भारतीय सेना मुश्तैदी से अपनी सीमा की सुरक्षा में लगी हुई है। जानकारी के मुताबिक 7 सितंबर को भारत-चीन के बीच दो बारी फायरिंग की घटना घटी है। लद्दाख के रेचन ला इलाके में जब चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे तो भारतीय सैनिकों से उन्हें समझाने की कोशिश की परंतु वे माने नहीं, मजबूरी में भारतीय सेना को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। वहीं चीनी सैनिकों ने भी फायरिंग की है। आपकों बता दें कि भारत-चीन सीमा पर लंबे समय से गोलियां नहीं चली थी बीते दिन करीब 45 सालों बाद गोलियां चली है 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। एक समझौते के मुताबिक भारत-चीन एक-दूसरे पर गोलियां नहीं चला सकते वहीं हालात बिगड़ते देख भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाली में घुसपैठ की खबरे और गलवान हिंसा के बाद से ही भारतीय सैनिकों को सख्ती से निपटने का आदेश जारी कर चुके है।


बहरहाल पिछले दो झड़प के बाद से भारतीय सेना ने अपने रेंगमेंट में कई बदलाव कर चुकी है और उनकों साफ-साफ आदेश मिला हुआ कि चीनी सैनिकों की हरकतें बढ़े और वह घुसपैठ की कोशिश करें तो आप फायरिंग कर सकते हो। वहीं हालात को सामान्य पूर्ण बनाने के लिए आला अधिकारियों की बैठक जारी है। कुछ दिनों पहले से ही भारत-चीन सीमा तनाव को सामान्य करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ और चीनी रक्षा मंत्री से बातचीत की है। दोनों देशों की सीमा पर इससे पहले 45 साल पहले गोली चली थी।

गलवान में 20 सैनिकों को खोने के बाद और पिछले दो हफ्तों से जारी झड़प के बीच भारतीय सेना ने अपने रूल ऑफ एंगेजमेंट में बदलाव किए हैं। हमारे सैनिकों को ऑर्डर मिले हैं कि यदि हालात बिगड़ने लगें और चीनी सैनिक करीब आने की कोशिश करें तो वो फायरिंग कर सकते हैं। फिलहाल भारत ने गलवान घाटी झड़प में 20 जवान खोने के बाद से चीन सैनिकों पर भारी पड़ता जा रहा है। इसी का कारण है कि भारत आज काला टॉप फतेह करने के बाद मजबूत स्थिति में है। इसलिए चीन खीसयानि बिल्ली की तरह कभी झूठ बोलता है तो कभी रात के अंधेरे में घुसपैठ करने की कोशिश करता है। उधर, भारतीय सेना डट कर ड्रागैन के हर हथकंडे का जवाब पूरी ताकत से दे रही है। फिलहाल लद्दाख के पैंगॉन्ग झील के पास माहौल नियंत्रण में है।

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