India China War: क्या भारत और चीन के बीच होगा युद्ध, लद्दाख में दिखे संकेत, तिब्बत से आ रहे सबूत

India China War: क्या भारत और चीन के बीच होगा युद्ध, लद्दाख में दिखे संकेत, तिब्बत से आ रहे सबूत
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भारत और चीन के बीच एक बार फिर विवाद बनता नजर आ रहा है। एक तरफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बत शहर का दौरा किया है।

भारत और चीन के बीच एक बार फिर विवाद बनता नजर आ रहा है। एक तरफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बत शहर का दौरा किया है। वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियान इकाइयों को पूर्वी लद्दाख जिले में ट्रांसफर कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद विरोधी गठन से लगभग 15,000 सैनिकों को कई महीने पहले लद्दाख क्षेत्र में ले जाया गया था। लद्दाख में 15 हजार खास किस्म के सैनिक तैनात किए गए हैं, जो ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लद्दख सीमा पर चीनी हमले से निपटने के लिए कई महीने पहले बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद विरोधी दस्ते के 15 हजार सैनिकों को ट्रांसफर कर दिया था। पिछले कुछ समय से लद्दाख सेक्टर में सैनिकों को तैनात किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अभी हाल ही में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की कई गतिविधियां सीमा पर दिखी हैं।

बता दें कि चीन ने बीते साल पूर्वी लद्दाख में अप्रैल के महीन से चला विवाद जून में खत्म हुआ था। कई महीनों की बातचीत के बाद कहीं न कहीं चीनी सैनिक पीछे हट गए थे। लेकिन अभी भी कई ऐसे बिंदु हैं, जहां दोनों देशों की सेना आमने-सामने खड़ी हैं। चीन धीरे धीरे उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश की तरफ अपनी गतिविधियां दिखा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स भारतीय सेना की एकमात्र स्ट्राइक कोर है, जो युद्ध की स्थिति में चीन के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने के लिए जिम्मेदार है। हालांकि लगातार बातचीत के जरिए इस मसले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में चीन ने 12वें दौर की सैन्य वार्ता का प्रस्ताव रखा था। साथ ही उनके लिए 26 जुलाई की तारीख तय की गई थी। लेकिन भारतीय सेना उस दिन बात करने को तैयार नहीं हुई। ऐसे में अब नई तारीख पर विचार किया जा रहा है। 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाएगा।

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